सोशल मीडिया पर आज खुशियां कम गम ज्यादा है बहुत से अपने बिछड़ गए बहुत को थोड़ा फायदा है श्रद्धांजलि, सहानुभूति का अब यही जरिया रह गया मिलकर ढाढ़स बंधाने का अरमान अधूरा रह गया दिवंगत के पीछे कितने लोग उसके कर्मो का पैमाना है आज कान्धी तक नही मिल […]
हालातो ने इंसानो को क्या कुछ दिखा दिया। की लोग तड़पने लगे अपनो से मिलने के लिए। क्योंकि अब भरोसा नहीं है उसे खुद की जिंदगी का। इसलिए बची हुई जिंदगी को अपनो के साथ जीना चाह रहा। कितना स्वर्थी है ये इंसान जब मौज मस्ती का दौर था। तब […]
साहित्यकार अनिता मंदिलवार सपना अंबिकापुर सरगुजा छतीसगढ़ को सागर कला भवन, एस बी सागर इन्स्टीट्यूट आफ आर्ट यू पी एवं रिया जनसेवा एवं शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान द्वारा इंडियन आर्टिस्ट अवार्ड 2021* से सात मई को इंडियन आर्ट डे के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा । यह अवार्ड उत्कृष्ट रचना के […]
यमराज मुर्दो की बैठकर रहे थे। वे जानना चाह रहे थे कि उनके पास इतने मुर्दे अचानक कैसे से आ रहे हैं। वे अपने मातहत कर्मचारियों और मुर्दो से पूछ रहे थे कि वे आखिर इतनी बड़ी संख्या में क्यों और कैसे आ रहे हैं। इससे पूर्व उनके पास आने […]
शाम होते ही छतो पर चढ़ जाना, छतो पर चढ़कर पानी छिड़कना, पानी छिड़का कर गद्दे बिछाना गद्दे बिछाकर उसपर चादर बिछाना। बचपन की यादों यारो मत भुलाना।। आधी रात को बरसात का आ जाना गद्दे चादर उठाकर नीचे भाग जाना, भाग कर फिर से मुंह ढक कर सो जाना, […]
इन्दौर। कोरोना काल की भयावहता के बावजूद मातृभाषा उन्नयन संस्थान के सेवा सर्वोपरि समूह द्वारा मरीज़ों और उनके परिजनों के लिए शासकीय अस्पतालों के बाहर जाकर, सड़कों पर खड़े पुलिसकर्मियों को लगातार पानी की बोतलें, खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है। यश ड्रिंकिंग वॉटर, इन्दौर के श्याम प्रेमचंदानी […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।