यह मेरा नहीं मेरी रचनाधर्मिता का सम्मान है- डॉ. पगारे इन्दौर। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शरद पगारे को बुधवार शाम के.के. बिड़ला फ़ाउंडेशन द्वारा प्रतिष्ठित तीसवाँ व्यास सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें उनके उपन्यास ‘पाटलिपुत्र की साम्राज्ञी’ के लिए दिया गया। इंदौर प्रेस क्लब के राजेन्द्र माथुर सभागार में […]

इंदौर। साहित्य के क्षेत्र में देश में ज्ञानपीठ के बाद सबसे बड़ा पुरस्कार माने जाने वाला के. के. बिड़ला फॉउंडेशन का वर्ष 2020 के लिए तीसवां ‘व्यास सम्मान’ भारत के जाने-माने साहित्यकार प्रो. शरद पगारे को 11 जनवरी को सायं 5 प्रेस क्लब इंदौर में एक गरिमामय कार्यक्रम में प्रदान […]

गोंदिया। नगर की एकमात्र साहित्यिक संस्था साहित्य मण्डल, बौद्धिष्ट समाज संघ एवं साप्ताहिक समाचार पत्र युवा वायु के संयुक्त तत्वावधान में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन संथागार, क्रीड़ा संकुल के पास, गोंदिया में किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि श्री माणिक गेडाम ने की। […]

ठण्ड के मौसम में मैं अक्सर सोचा करती हूँ उस बर्फ की नदी को लेकर जिसकी सतह संगमरमरी पत्थर का अहसास दे जाती है कितना दुखदायी होता होगा बहती नदी का पत्थर हो जाना ठण्डा पड़ना याकि संवेदन शून्य हो जाना परंतु फिर याद आती है उसके  भीतर की जीवंत […]

इंदौर में आयोजित सत्रहवां प्रवासी भारतीय दिवस तारीख 9 जनवरी के महत्व को दर्शाता है. 9 जनवरी महज कैलेंडर की तारीख नहीं बल्कि इतिहास बदलने की तारीख है जिसका श्रेय महात्मा गांधी को जाता है. आज ही के दिन 1915 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ […]

समस्त लघुकथाकारों को यह सूचित करते हुए अत्यंत हर्ष है कि मातृभाषा डॉट कॉम के तत्त्वावधान में एक अंतरराष्ट्रीय लघुकथा प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। विश्व के सभी देशों के हिंदी लघुकथाकार इस प्रतियोगिता में सादर आमंत्रित हैं। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के नियम व शर्ते निम्नानुसार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।