प्रिय देशवासियों !  स्वाधीनता संग्राम के दौरान स्वराज, स्वदेशी और स्वभाषा पर ज़ोर दिया गया था। यह हमारा राष्ट्रीय मत था कि बिना स्वदेशी और स्वभाषा के स्वराज सार्थक सिद्ध नहीं होगा। हमारे तत्कालीन राष्ट्रीय नेताओं, विद्वानों, मनीषियों एवं महापुरुषों की यह दृढ़ अवधारणा थी कि कोई भी देश अपनी स्वाधीनता को […]

     वर्तमान समय में सोशल मीडिया हिंदी प्रचार प्रसार में अहम भूमिका अदा कर रहा है ।भारत में दूरदर्शन के अधिकतर चैनल हिंदी भाषा में ही प्रसारित किये जा रहे हैं, जिनमें समाचार, धारावाहिक, गायन, नृत्य प्रतियोगिताएँ, विभिन्न प्रकार के मनोरंजक खेल व अन्य सामाजिक कार्यक्रम यदि सबसे अधिक […]

तमाम विद्वानों ,लेखकों और आज की उपयोगिताओं को देखते हुये हम ये कह सकते है और मानते भी है कि सोशल मीडिया हिन्दी के पुनरुत्थान के सहायक सिध्द हुयी। हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में सोशल मीडिया का बहुत बडा योगदान है। हिन्दी आज विश्व की दूसरी बड़ी भाषा है और […]

रेल गाडी के सफर मे, किन्नरो का होना कोई नयी या बड़ी बात नहीं. लेकीन उस किन्नर की बात ही कुछ और थी,जो दिल को छू गयी। भिडसे खचाखच भरे रेल के डिब्बे मे पाव धरने को भी जगह न थी. धुपकाले की धूप भी सर पर आग बनकर बरस […]

शत शत नमन  साहित्य की सम्मान, महियसी महादेवी अर्थ ही महान छब्बीस मार्च उन्नीस सौ सात हुआ जनम पीढ़ियों  बाद कुटुम्ब में बेटी का आगमन   गोविंद  हेमरानी  की  लाडो सन्तान महियसी महादेवी नाम का अर्थ महान, कर्म पथ  सतत चली ले मन वैराग मानवता मशालले प्रेम अनुराग ठाकुर जी […]

              हिंदी भारत की राजभाषा है और भारतवर्ष के हिंदी पढ़ने- लिखने और बोलने वाले 70% लोग भी इस बात से अनभिज्ञ हैं ।सभी हिंदी को राष्ट्रभाषा मानते हैं। जिस देश को आजाद हुए 70 साल से ऊपर हो गए उस देश को आजादी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।