आर्टिकल 15 वसुदेव कुटुम्बकम पर प्रहार निर्देशक:- अनुभव सिन्हा, लेखक:- गौरव सोलंकी, अनुभव सिन्हा अदाकार:- आयुष्मान खुराना, जीशान अय्यूबी, कुमुन्द मिश्रा,रूनीजीनि चक्रवर्ती, नासेर, मनोज पाहवा संगीत:- अनुराग सेकिया फ़िल्म से पहले जिस देश के आदर्श श्रीराम जी ने शबरी वनवासी के झूठे बैर खाकर यह संदेश दिया हो कि सब […]

कबिरा इतना लिख गये, क्या लिख्खे हम यार । उसने तो की साधना, हम करते व्यापार।। तुलसी जैसा तप कहॉ, कहॉ कलम में भार। अब घसियारे कलम के, मांगे पद दरबार ।। मीरा ने श्रंगार में, जपा कृष्ण का नाम । आज सुरीले कंठ की, चाहत केवल दाम ।। सूर […]

बहुत प्यारी है तेरी हंसी। जिस का में दीवाने हूँ। मुस्कराती हो हल्का सा तुम । फूल दिल में खिल जाते है।। कसम खुदा की क्या बनाया है। लगता है फुरसत में तुम्हें सजाया है। कुछ तो किया होगा तुमने ? तभी तो खुदा ने इतना सुंदर बनाया हैं।। बहुत […]

नजर में फिर नजर नहीं आया नजर लगानें वाला, आख़िर पकड़ा गया वो दरिंदा शहर जलानें वाला, खुद  को खुदा मानकर बिना खौफ के जीने वाला, मर गया एक दिन फिर खुद को खुदा बताने वाला, भरोसा उसका भी टूटा  जो, कभी  भरोसे  की मिशालें    देता   था, नींद से […]

  मेरे दिल से अब वो सनम उतर गया जो तन्हा दिल छोड़ कर यूँ शहर गया मुहब्बत में सफर जारी रहा उम्र भर यूँ सारी राते अब तेरे बिन गुज़र गया जूठ,फरेब रहा सदा दिल में भरा उसके देख दिल तोड़ के मेरा किस सफर गया यूँ तो वो […]

स्वयं का दुश्मन क्रोध है दुसरो का दुश्मन भी क्रोध जो इसके आगोश में आता उसका विवेक लोप हो जाता पहली हानि स्वयं को करता दूसरी, जिसपर करते क्रोध क्रोध बड़ा विकार कहलाता इसे पाकर कोई लाभ न पाता प्रकृति के विरुद्ध है क्रोध शांति का दुश्मन है क्रोध शांत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।