हर राष्ट्र में राज्य की भाषा भी होती है लेकिन एक राष्ट्रभाषा भी होती है जो पूरे राष्ट्र में बोली जाती है। जापान में जापानी लोग अंग्रेजी भाषा का बिल्कुल भी प्रयोग नहीं करते। वह अपनी जापानी भाषा ही बोलते हैं तो क्या जापान ने तरक्की […]
सात जन्मों का बंधन इतनी जल्दी भूल गई तू हाथ छुड़ाकर मेरा कितनी दूर निकल गई तू..! हंसता, मुस्कुराता, खिलखिलाता मेरा आशियां उज़ड गया, तू गई पीछे तड़पाने तेरी याद रह गई, कैसे खुद को संभालूँ अकेले जीना तूने कभी सीखाया ही नहीं तुम क्या गई मेरे तन से रूह […]
तिनका तिनका जोड़कर, पहुंचे है यहां तक। अब में कैसे खर्च करे, बिना बजह के हम। जहां होती है जरूरत, बहुत करते है खर्च। पर में फिजूल खर्च, के हूँ खिलाप बहुत।। कैसे में लूटा दूं , अपनी मेहनत का फल। सदा सीख में देता हूँ, अपने बच्चो को। समझो […]
एक आदमी ने पत्थर विजित किया वो उसे उठाकर घर ले आया दिन रात उसकी पहरेदारी करने लगा वो आजाद होने का गुमान करता रहा मगर उन्ही ढकोसलो मे जीते जीते उसने जिन्दगी गुजार दी फिर उसने उसी पत्थर से बंधकर समंदर मे तैरने की सोची वो वहीं डूब गया […]
कोमल का आज इंटरव्यू था ।अपनी पूरी तैयारी के साथ उसने सभी प्रश्नों के उत्तर दिए ।उसे उम्मीद थी कि यह जॉब उसे ही मिलेगी । पेनल ने कोमल का नाम सिलेक्ट भी कर लिया था। लंच में पैनल के एक बड़े अधिकारी ने कोमल को अकेले अपने केबिन में […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।