आजकल मीडियाऔर सोशल मीडिया में चुनावी नतीजों के लेकर जितनी हलचल मची हुई है, उससे कहीं ज्यादा राष्ट्रीय राजधानी में बीते 30मई 2019 को हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के शपथ समारोह में शपथ लेने के लिए ओडिशा में अपनी झोपड़ी से निकलते हुए कमज़ोर से दिखने वाले […]

रोजमर्रा की जद्दो-जहद में परेशान रहने दे रहम कर रहनुमाओं मुझे बस इन्सान रहने दे । ये हिन्दू,ये मुसलमां,ये सिक्ख और ये ईसाई मजहबी नाम पर ये वोटों की दुकान रहने दे । कब तक बेचेगा ज़मीर जम्हुरियत के बहाने चैनो-अमन अहले वतन हिन्दूस्तान रहने दे । महफूज़ रहते हैं […]

अवतरित हुआ अब तो, भारत का पार्थ। पृथक-पृथक मानसिकता, को देकर मात।। शपथ लेकर आया है, सुशोभित अब सिंहासन। तनिक भी क्लेश नहीं, दूर होगा अब दुःशासन ।। जागृत रही जनआकांक्षा तो, होंगे कठिन कार्य पूर्ण। जनमत की ताकत तो, अधिकार देता सम्पूर्ण।। राष्ट्र ध्वज तीन रंगो का, तीन ही […]

“पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी” द्वारा आयोजित “राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन ,2017, 26 , 27, और 28 मई को लेखन मिलन शिविर में मुझे पहली बार शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था । मेघालय राज्य के इतने करीब असम राज्य का निवासी होकर भी मुझे मालूम नहीं था कि हर साल […]

*हिंदी साहित्याचे वैचारिक महाकुंभ बनले मातृभाषा डाँट काँम* वैजापुर( डॉ. हरिश साबने)-हिंदी भाषा ही आपली राष्ट्रभाषा आहे, हिंदी भाषेच्या प्रचार प्रसारासाठी शासन वेगवेगळ्या प्रकारे प्रयत्न करत आहे सरकार बरोबरच विविध सेवाभावी संस्था, व्यक्ती,समुदाय यांचा देखील त्यात मोलाचा वाटा ठरत आहे त्यातच मध्यप्रदेश येथील युवा साहित्यिक व पत्रकार डॉ. अर्पण जैन […]

शिवजी के धनुष पर विराजमान है काशी और गंगा मैया काशी की अधिकांश सीमा को समेट लेने के लिए धनुषाकार हो गई हैं। दूरियों को मिटाती हुई चन्द्रप्रभा भी मिलन को सदियों से आतुर है। इसकी गोदी में राजदरी और देवदरी के चस्में चंचल बच्चों सरिस उछल कूद रहे हैं। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।