आलोचना, समीक्षा या समालोचना का एक ही आशय है, समुचित तरीके से देखना जिसके लिए अंग्रेजी में ‘क्रिटिसिज़्म’ शब्द का प्रयोग होता है। साहित्य में इसकी शुरुआत रीतिकाल में हो गई थी किन्तु सही मायने में भारतेन्दु काल में यह विकसित हुई। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का इसमें महती योगदान […]

सफर के लिए हम निकलते रहेंगे दुआ माँ की लेकर यूँ चलते रहेंगे अन्जुमन में है चाहने वाले मेरे यहाँ सबसे मोहब्बत करते रहेंगे बदल कर कभी हर्फ़ तुमको पढेंगे नए ज़ाविये से हम लिखते रहेंगे तिज़ारत करे प्यार का सबसे हम भी ठेकेदार कब तक हम बनते रहेंगे बना […]

वहीं बारिश, वही कीचड़, वही मौसम पुराना है,, बस हम ही बदल गए, और बदला नया ठिकाना है,,  सिर के पल्लू को मुह से दबाए, अब गोरी कहां निकलती है,, हंसी ठिठोली कि कोई महफ़िल, अब कहां भला सजती है,, बारिश के पानी में अब कहां, कागज की  नाव  कोई […]

प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पालना लेकर ब्रह्माकुमारीज् संस्था प्रमुख प्रकाशमणि दादी व दादी जानकी के सानिदय में रही प्रेम लता बहन ईश्वरीय ज्ञान की दिव्य विभूति थी।तभी तो जो भी उनसे मिलता प्रभावित हुए बिना नही रहता।यहां तक कि उनके मार्गदर्शन के कारण कइयो के जीवन की दिशा ही बदल […]

छल,कपट,प्रपंच ,झूठ है सामाजिक अपराध इनसे जितना दूर रहो उतना जीवन हो शांत ईर्ष्या, द्वेष, प्रतिशोध भी जीवन के लिए अभिशाप पथभ्रष्ट बना देते निज को भुगतना पड़ता सन्ताप बुराई जो सभी छोड़कर सद्गुण अपनाते दिनरात उनका जीवन सुखमय रहे खुशियों की हो बरसात। #श्रीगोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ […]

क्या दया और करुणा दिल से धुल गए जो मिटने मिटाने पे हैं तुल गए कभी मंदिर कभी मस्जिद पर होती है चढा़ई धर्मों में बंट गई है अब गांधी की लडा़ई हम धर्मों में,जातों में ,समुदाय में अटके भूलकर सभी आदर्श अपनी राह से भटके बन शैतान के मानिंद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।