बच्चे माँ बाप को समझाने लगे हैं छोटे कपड़ों को फैशन बताने लगे हैं भूलने लगे भला क्यों ये संस्कार को होटल डिस्को में वक्त बिताने लगे हैं सभ्यता जैसे अब तो मरने लगी है उंगलियां मोबाइल पर फिराने लगे हैं भूलने हैं लगे अदब और सम्मान को अपने से […]
सेवा करना माता-पिता और बुजुर्गों का सम्मान, गुरूजनों का आदर करना , यही सिखाता घर संसार। हिन्दु-मुस्लिम सिक्ख ईसाई हम सब हैं भाई-भाई, मिलजुलकर रहने की शिक्षा, देता है यह घर संसार। रूठ गये जो अपने उनको मोहब्बत का देकर आधार , सिखालाता मिलजुलकर रहना, ऐसा मेरा घर संसार। हार-हराकर […]
नई दिल्ली | विश्व हिन्दू परिषद् ने श्रीराम जन्मभूमि के सम्बंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मामले की नियमित सुनवाई के निर्णय पर संतोष व्यक्त किया है। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष एडवोकेट श्री आलोक कुमार ने आज कहा कि हम आशावान है कि लगभग 500 वर्षो से चल रहे संघर्ष व 70 […]
कविता के स्वरुप के साथ छेड़छाड़ हुई, तुकबंदी के चक्कर में विधाएँ हाँफने लगी, भाषा का खुले आम अपमान होने लगा, कवि सम्मेलनों में बैठें धृतराष्ट्र के साथ बैठें दुस्शासन सरे आम काव्य का चीरहरण करने लग गए, विदूषक मंडलियों के सहारे निजी तो ठीक है पर सरकारी खर्च […]
आजादी जो मिली है, इसे संभाले हुए रहना। बुलन्दी के इसके सपने, पाले हुए रहना। अरमान लाखों दिल में, लिए जो चले गए उन अरमानों के तुम ही,रखवाले हुए रहना। शहादत से अपनी इस,प चमन को खिला गए इस चमन की रक्षा को, मतवाले हुए रहना। बहा कर चले गए […]
17 साल की एक लड़की एक विधायक के घर नौकरी के लिए बात करने जाती है और फिर कुछ समय बाद वह बताती है कि विधायक के घर पर उसका रेप किया गया… इसके बाद वह गायब हो जाती है… उसके पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो जाती है… […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।