दोस्त मुझे जल्दी, समझ नहीं पाते। समझने से पहले ही, उम्मीदें लगा लेते। जब वो पूरी न, हो सके तो। मुझे बहुत भलाबुरा, वो कह देते।। जिंदगी का अभीतक, तो यही हाल हैं। सभी अपनी जिंदगी से, मानो परेशान हैं। पर ये मतलब नहीं, कि जीना छोड़ दे। और अपनी […]
अदभुत शरीर दिया परमात्मा ने लीला उसकी अपरम्पार पंचतत्व से निर्मित है ये आत्मा रहती इस पर सवार पग ऐसे जो पृथ्वी नाप दे हाथों से सज जाये संसार कानों से ध्वनि सुख मिलता आंखों से होती प्रत्यक्षता प्रकाश गति से तेज चले मन पल भर में हो प्रभु योगध्यान […]
चारो वेदो का ज्ञान सब पाये , मेरा देश विश्व गुरु बन जाये | एक और है मेरी आखरी इच्छा , फिर से सोने की चिड़िया कहलाये || कुछ विदेशी बाहर से आये, व्यापारी बनकर यहाँ आये | उन्होंने मेरे देश को खूब लूटा , हम गरीब वे अमीर बन […]
है स्वर्ग से भी सुंदर ये जहान हमारा है बात निराली है वो हिंदुस्तान हमारा है हिन्द के खातिर तो मर मिट हम जाएंगे जान से प्यारा है,स्वाभिमान हमारा है है स्वर्ग…….. दुश्मन ये पाकिस्तान क्या ये बिगाड़ेगा है दिल जिगर अपना,अरमान हमारा है है स्वर्ग……. धरती से अम्बर तक […]
अक्सर लोग कहते हैं कि बड़े लोग कम बोलते हैं लेकिन, सच यह है कि कम बोलने लोग बड़े होते हैं वाचाल की शक्तियां बात- बात में ही बिखर जाती हैं। चिंतक की शक्तियां चिन्तन के सहारे निखर जाती हैं।। #सुनील चौरसिया ‘सावन’ कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) Post Views: 34
अच्छा था मेरे दर से मुकर जाना तेरा आसमाँ की गोद से उतर जाना तेरा तू लायक ही नहीं था मेरी जिस्मों-जाँ के वाजिब ही हुआ यूँ बिखर जाना तेरा मेरी हँसी की कीमत तुमने कम लगाई यूँ ही नहीं भा गया रोकर जाना तेरा तुझे हासिल थी बेवजह दौलतें […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।