या इलाही,वो तबाही है कोई चेहरे पे बादल छाई है कोई क्या देखें और क्या ना देखें जिस्म,अदा की खाई है कोई उसे देखें फिर कुछ क्यूँ देखें तूफ़ान समेटके आई है कोई उस का गुरूर भी वाजिब है बला की सूरत पाई है कोई वो जिसे मिले, सब मिल […]
हम तो मुफ्त में हो रहे है बदनाम। जबकि हमारा तो लेना देना ही नही। हां कसूर इतना है कि, रोज देखता हूँ उन्हें। अपने घर की छत से उन्हें।। जो न रोज देखते उन्हें, तो क्या वो इतनी सजती सभारती? फिर न करे कोई तारीफ सुंदरता की, तो सुंदरता […]
राम हिंसक नही हो सकते यह बताती जैन रामायण राम ने रावण को नही मारा यह दर्शाती जैन रामायण राम विकारो के नाशक है मर्यादा पाठ पढाती रामायण सीता,उर्मिला की त्याग तपस्या कैकई स्वार्थ दिखाती रामायण मंथरा जैसी नारी पशुता का वर्णन करती तुलसी रामायण नारी शक्ति का द्वापर युग […]
करोडो रूपयो खर्च कर मुर्ती बनाने वालो कुंभ के नाम पर अरबो खरबो बहाने वालो देश की जनता शिक्षा,चिकित्सा को तरस रही अरे वो मंदिर-मस्जिद पर पैसा लुटाने वालो। कुछ सीख भी लेते केजरीवाल की सरकार से कचरे की ही अक्ल है क्या कचरा उठाने वालो कभी हाल बाढ़ पिडितो […]
सच में रिश्ते तुम्हारे- मेरे कुछ गहरे थे या बुलबुलों की तरह पानी पर ठहरे थे शोर तो बहुत किया था मेरी हसरतों ने लेकिन शायद तुम्हारे अहसास बहरे थे कितनी कोशिश की मैं छाँव बन जाऊँ ख्वाहिशें तुम्हारे चिलचिलाते दोपहरें थे कब देखी तुमने हमारे प्यार का सूरज निगाहों […]
हम भारत के लोग हमेशा से नियम तोड़ने में विश्वास रखते है। नियम में रहे तो क्या जीवन। जीवन तो अलमस्त हो तभी मजा है। नियम तो वैसे भी गले में रस्सी जैसा होता है। साला एक सीमा में रहो इससे ज्यादा कुछ मत करो पर हम तो कुछ अलग […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।