इंदु भूषण बाली Post Views: 45
हम महक बिखेरते गहरे अर्थों में निहित हैं, हमें मात्र शब्दों में ढूंढ न पाओगे कभी, अहसास क्षितिज के ठीक…. बीचो-बीच बसते हैं हमारे मानवतावादी प्राण। मिलते,हिलते,खिलते, पलते ,जलते,उखड़ते नैन,मन,तन,सघन। अफ़साने,अनजाने, पहचाने सजे हंसते टूटते बिखरते, सिमटते,झकझोरते स्वयं को निचोड़ते…. मन बुनता आठो पहर.. अधबुने स्वेटर से ख़्वाब जिसके फंदे […]
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय एनडीसीसी-II ( नई दिल्ली सिटी सैंटर) भवन, ‘बी’ विंग चौथा तल, जय सिंह रोड, नई दिल्ली -110001 विषय: दूरदर्शन द्वारा हिन्दी समाचारों में हिन्दी के स्थान पर हिंग्लिश का प्रयोग निरंतर बढ़ाने व हिन्दी कार्यक्रमों का नामकरण अंग्रेजी में करने के विरुद्ध अभ्यावेदन महोदय, दूरदर्शन (प्रसार […]
