विहिप की मांग है कि ; भारत में तब्लीगियों और इज्तिमा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। निजामुद्दीन मरकज के भवन और इससे जुड़े बैंक खातों को अविलंब सील किया जाए। इन के आर्थिक स्रोतों का पता लगाकर इन को बंद कर देना चाहिए। इज्तेमा में भाग लेने वाले विदेशियों की […]

न राम चाहिए, न श्याम चाहिए। हम लोगो को तो, कोरोना से निजात चाहिए। है कोई ऐसा मंत्र, अब तांत्रिकों पर। जो कोरोना का, इलाज कर सके।। भविष्य वाणी करने वालो, कहा पर सब सो गये हो। क्या कोरोना के बारे, अपना मुंह खोलोगे। या फिर देशवासियों की भावनाओ से […]

त्याग का पर्याय प्रतीक शौर्य का पुरुषों में उत्तम संहर्ता क्रौर्य का परहित प्रियता भ्राताओं में ज्येष्ठ कर्तव्य परायण नृप सर्वश्रेष्ठ शरणागत वत्सल हैं आश्रयदाता दशरथ नंदन भाग्य विधाता भजे मुख मेरा तेरा ही नाम जय सिया राम जय श्री राम :- आलोक कौशिक संक्षिप्त परिचय:- नाम- आलोक कौशिक शिक्षा- […]

पुस्तक समीक्षा हिन्दी साहित्य मे गजल कार के रूप मे प्रसिद्ध साहित्यकार ,पूर्व शिक्षक ,हिन्दी साहित्य परिषद की ओर से जिनहे सर्व श्रेस्ठ काव्य के लिए 1992 मे गुजरात के तत्कालीन राज्य पाल महामहिम डॉ स्वरूप सिंह के कर कमलों से प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया हे,तथा श्रेस्ठ काव्य के […]

जिन्दगी में सदा, मुस्कराते रहो। फासले कम करो, दिल मिलते रहो। जिन्दगी में सदा, मुस्कराते रहो..….।। दर्द कैसा भी हो, आँख नम ना करो। रात कली सही, कोई गम न करो। एक सितारा बनो, जग मगाते रहो। फासले कम करो, दिल मिलते रहो।। जिन्दगी में सदा, मुस्कराते रहो..….।। जिन्दगी में […]

सेवा में, आदरणीय अजय जैन जी, मुख्य सम्पादक, हिंदी भाषा डाट काम, विषय: श्रेष्ठ लेखक होने के लिए ₹1100 ना भेजने की सूचना हेतु। दिनांक: 31 मार्च 2020। श्रीमान जी, हार्दिक नमस्कार ! आदरणीय आप की अनुडाक द्वारा आज प्राप्त ‘श्रेष्ठ सृजनकर्ता’ की शुभकामनाओं के संदर्भ में आपको संज्ञान करवाना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।