देख लो मजदूर कितना परेशान है तड़प भूख की मुश्किल में जान है बेसहारा हुआ मीलों चलता रहा छीन गई है लब की देखो मुस्कान है मैंने देखा है उनको तड़पते हुए आँख नम हो गई और बेजान है मौत का न जाने कब पैगाम आये देख कुदरत का कहर […]

जो दुनियाँ को खिलाता है, वो खुद भूखा रहता है। बड़े मंचो से इन की, मिसाले दुनियां को देते है। परन्तु इन किसानों की, कोई भी सूद नही लेते। तभी तो कर्ज में पैदा होता है, और कर्ज में ही मर जाता है।। दुखो में जीने वाले, गमो में डूबे […]

कब यह हालात सुधरेंगे कब फिर से सब मिलेंगे कब दिनचर्या पहले सी होगी कब महामारी दूर होगी इस सबमे समय न गंवाओ जिस हाल में रख रहे प्रभु बस उसी में रहते जाओ जो वश में नही क्यो सोचते हो बेवजह चिंता में डूबते हो खुद को शांति से […]

धनगर ग्वाल समाज का, बहुत बड़ा इतिहास। दूध दही नदियां बहे, कृष्ण रहे विश्वास।। जयजय प्यारे ग्वाला भाई । सवा रुपे में करें सगाई।।1 लड़ते कुश्ती नाल उठाते । सेना में भी धाक जमाते।।2 पूजें जाख भुजरिया गावे। देव छठ भी खूब मनावे।।3 खीर पुरी औ कड़ी बनाई। देवन भोग […]

पत्थर तोड़ कर सड़क बनाता है मजदूर फिर उसी सड़क पर चलते हुए उसके पैरों पर पड़ जाते हैं छाले वोट देकर सरकार बनाता है मजदूर लेकिन वही सरकार छिन लेती है उनके निवाले कारखानों में लोहा पिघलाता है मजदूर फिर खुद लगता है गलने – पिघलने रोटी के लिए […]

मानवता को ही भूलकर मानव करता था सब काम सुबह से लेकर शाम तक नही था एक भी आराम प्रकृति का खूब दोहन करा वह धरा का किया नुकसान सोंच रहा था उसने भी खूब कर लिया है नाम राष्ट्रों ने भी कर लिया था परमाणु बम का इंतेज़ाम लेना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।