बकलौली की बूंदी राहत के रसगुल्ले जुमलों की जलेबी आश्वासनों के गुलाब जामुन तृप्त हो गई जनता अब बस भी करो भले मानुष बचपन में भूखे पेट बहुत सुनी राजा – महाराजा की कहानियाँ ठंड से ठिठुरता शरीर बातों में रजाइयां #तारकेश कुमार ओझा लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते […]

आकर मेहमान जैसे जाएगा कोरोना। लॉकडाउन का पालन कर, हाथ हरदम धोना।। सामाजिक दूरी , है बहुत जरूरी धैर्य धारण करो, इच्छाएं होंगी पूरी सबको हंसाना , मत हिम्मत हार रोना आकर मेहमान जैसे जाएगा कोरोना। लॉकडाउन का पालन कर, हाथ हरदम धोना।। चिकित्सक जवान हैं धरती के भगवान शासन […]

शराब और शराबियों की पौ बारह होते ही पूरे देश में हाहाकार मच गया। जैसे ही शराब खरीदने जब और पीने वाले कोरोना काल में बाहर आए तो वह देश और दुनिया की नज़र में आने लग गए। सरकारों को भी शराब का विक्रय करना आर्थिक रूप से लाभ प्रदान […]

मरुस्थल सा जीवन है मेरा,पूर्णतया निराशा भरा, फिर भी कभी-कभी कुछ ओश की बूंदों से मिलता हूँ। सोचता हूँ , समेट लू सबको अपनी आगोश में, मेरे गर्म एहसास से मिलकर बूंदे भाँप बन उड़ जाती है। गर्म रेतीले मरुस्थल सा मौन जीवन के साथ चल रहा है। कभी-कभी शाम […]

इन्दौर । कोरोना संक्रमण काल में शहर की संस्था रूपांकन द्वारा सोमवार को भाजपा के पूर्व नेता व पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा के साथ ज़ूम मीटिंग आयोजित की जिसका लक्ष्य ‘कोविड19 के बाद भारत की अर्थव्यवस्था’ पर चर्चा रहा।श्री सिन्हा आज दिल्ली के राजघाट पर मजदूरों के समर्थन में धरना […]

जाने अनजाने में चपेट में आ गए जो इस मुएँ कोरोना की उनमे से अधिकांश घर लौट आए है जो बचे है अस्पतालों में वे भी परास्त कर देंगे इस मुएँ कोरोना को, प्रभावितों के साथ इस युद्ध मे शामिल है अदम्य साहसी सारथी जिन्हें सम्मान दे रहे है कोरोना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।