जीवन जीने के लिए यह सत्य है कि स्वस्थ रहना बहुत ही ज़रूरी है। क्योंकि, जीवन का मुख्य आधार ही स्वास्थ है। जब किसी भी व्यक्ति का स्वास्थ उसकी दिनचर्या के अनुरूप नहीं होता तो वह व्यक्ति कदापि अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता। यदि जीवन में सफल होना […]

बहिष्कार करो चीनी माल का, अगर देश को तुम्हे बचाना है। प्रण करो देशवासियों आज सभी भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।। बन्द करो चीनी आयात को, निर्यात को तेजी से बढ़ाना है। भारत को आर्थिक दृष्टिकोण से अब खूब माला माल बनाना है।। आत्मनिर्भर जब होगा भारत, तभी हर जंग […]

बहिष्कार करो चीनी माल का, अगर देश को तुम्हे बचाना है। प्रण करो देशवासियों आज सभी भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।। बन्द करो चीनी आयात को, निर्यात को तेजी से बढ़ाना है। भारत को आर्थिक दृष्टिकोण से अब खूब माला माल बनाना है।। आत्मनिर्भर जब होगा भारत, तभी हर जंग […]

चाहकर भी मैं भूल, नहीं सकता तुम्हें। देख कर अनदेखा, कर सकता नही तुम्हें। दिलकी धड़कनों को, कम कर सकता नहीं। क्योंकि ये दिल है, जो मानता ही नही।। माना कि मुझ से, नफरत है तुम्हें। मेरी बातें से तुम्हें, अब छिड़ मचाती है। जब तक था रस, तो पी […]

एक बेटी जब ससुराल जाती है वो बेटी का चोला छोड़ गृहणी बन जाती है जो बातें घर पर अम्मा से कहती थी ससुराल में छिपा जाती है। थोड़ा सा दर्द होने पर बिस्तर पकड़ने वाली बिटिया अब उस दर्द को सह जाती है तकलीफें बर्दाश्त कर जाती है पर […]

एक समय था, जब आदमी कहता था कि मारने की फुर्सत नहीं है, आदमी का ये जुमला सुन कर ही लगाता है कि कोरोना आदमी के फुर्सत से मरने की व्यवस्था करने आया है। लॉकडाउन लगवा कर सबको फुर्सत करवा दी और कह रहा है- लो मरो, अब फुर्सत है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।