21 मार्च- विश्व कविता दिवस विशेष ● भावना शर्मा, दिल्ली “आत्मा के सौंदर्य का शब्द रूप है काव्य, मानव होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य।” प्रख्यात गीतकार गोपालदास नीरज द्वारा रचित यह दोहा कविता और कवि के महत्त्व को दर्शाता है। कविता मनुष्य के हृदय से उपजे कोमल भावों का […]

अकेले चलो या भीड़ में मंजिल पर कदम खुद ही रखना है। रो कर गुज़ारो तो भी गुज़रेगी जिंदगी, ज़रुरी मगर हँसना है।। हर कोई समेटे बैठा है दर्द का सैलाब भीतर ही भीतर तक। अपनी कहो या औरों की सुन लो सत्य पर ही अडिग सदा रहना है।। भरे […]

नईदिल्ली। साहित्य अकादमी ने सोमवार को अनुवाद विधा के पुरस्कार घोषित किए। इसमें इंदौर के वरिष्ठ लेखक और व्यास सम्मान से विभूषित साहित्यकार डॉ. शरद पगारे के प्रसिद्ध उपन्यास ‘गुलारा बेगम’ के पंजाबी भाषा में प्रकाशित अनुवाद को साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है। इस पुरस्कार के अन्तर्गत […]

भाषाएँ और माताएँ अपने पुत्रों से सम्मानित होती हैं – प्रो. द्विवेदी हिन्दी विश्व की तकनीकी मित्र भाषा – डॉ. विकास दवे श्री मनोज श्रीवास्तव और प्रो. करुणाशंकर उपाध्याय हिन्दी गौरव अलंकरण 2024 से विभूषित देश के विभिन्न प्रान्तों से आए पाँच कवि काव्य गौरव अलंकरण से अलंकृत इंदौर। हिन्दी […]

श्री मनोज श्रीवास्तव और प्रो. करुणाशंकर उपाध्याय हिन्दी गौरव अलंकरण से होंगे विभूषित इंदौर। हिन्दी भाषा के विस्तार के लिए लगातार कार्यरत ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ रविवार को स्थानीय गोल्डन जुबली हॉल, श्री गोविन्दराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एसजीएसआईटीएस) में दोपहर 2 बजे से हिन्दी गौरव अलंकरण समारोह आयोजित […]

जनसंचार के अप्रतिम विमर्शकार हैं प्रो. संजय द्विवेदी – गिरीश पंकज नई दिल्ली। ’प्रो. संजय द्विवेदी भारतीय मीडिया के अप्रतिम विमर्शकार हैं। वे समाधानपरक पत्रकारिता और मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता के ध्वजवाहक भी हैं।’ यह बात प्रख्यात साहित्यकार श्री गिरीश पंकज ने कही। श्री पंकज शनिवार को विश्व पुस्तक मेले में प्रो.संजय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।