हिंदी करे पुकार मैं सिंचित मन की रानी हूं मैं आर्यावर्त विश्व रंग-मंच की सियानी हूं …क्योंकि मैं हिंदी हूं मैं हिंदी हूं मैं सिंचित मन की रानी हूं मैं जन्मी हूं प्राकृत अपभ्रंश से सातवीं आठवीं सदी में गद्य ने किया है गुलजार आह्लादित हुआ सारा हिंदुस्तान …क्योंकि मैं […]
