वो पीपल बहुत ही छाँव देता है सुकून मुझको मेरा गाँव देता है चला आया आज शहर से दूर बच्चा हो या बूढ़ा लगाव देता है लगा लेते गले से किस्से सुनाते है नहीं कोई भी यहां घाव देता है नदी का किनारा वो खूबसूरत पल कोई नहीं यहां टकराव […]
कही गम है तो कही खुशी। कही प्यार तो कही टकरार। कही मिलना तो कही बिछड़ना। कही जिंदगी तो कही मौत। बड़ा ही अजीव है दृश्य इस दुनियाँ का।। जो दुनियाँ को समझा और उसी अनुसार ढल गया। वो मानो मौजमस्ती से जी गया। जो जमाने को नहीं समझा वो […]
आत्मा का मूल धर्म शांति आत्मा का यही मिजाज क्रोध होता मात्र क्षणिक चलता शांति का ही राज क्रोध बिगाड़ता शरीर को आत्मा विचलित हो जाती आत्मस्वरूप मे रहने मात्र से मन को शांति मिल जाती मन के शांत रहने मात्र से संकट मिट जाएंगे सारे तन मन दोनों स्वस्थ […]
फितरत से वो बाज ना आएं, जो दिल के काले होते हैं। चेहरे पे चेहरे लाख चढ़ाएं, जो झूठ के पुतले होते हैं। हर पल और हर मौसम में, गिरगिट सा रंग बदलते हैं। दौलत शौहरत की खातिर , अपना ईमान बेचते हैं। मिश्री से बोल जुबां पे रहते, शुभचिंतक […]
कुछ कर गुजरने की अब किसानों ने ठान ली है। और अपनी एकजुटता देश को दिखा दी है। किसानों का कोई जात धर्म नहीं होता है। उनका धर्म तो खेतों में अन्न उगाना ही होता है।। 70 सालों में जो कुछ भी देश के महापुरुषो ने बनाया था। अब ये […]
कोई भी इंसान जब मजबूर होता है खुद से वह बहुत दूर होता है जानकर भी राज़ सारे दिखता है अनजान बनकर रह जाता है हालातों का ग़ुलाम ऐसा भी होता है चाहता है जब सारा ज़माना अपनों के लिए तब इंसान होता है बेगाना कोई भी इंसान जब हो […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।