पार लगाने नैया, चले जाओ रघुरैया। नष्ट हो रही सृष्टि तेरी , दुनियाँ बनी है लाशों की ढेरी। अब ना लगाओ तनिक भी देरी, आस हमें है बस प्रभु तेरी। मझधार में डोले नैया। चले जाओ रघुरैया………. पार लगाने नैया, चले जाओ रघुरैया। पग पग पर फैली महामारी, आफत में […]

यह लेख मुझे सफदर इमाम कादरी का पढ़कर लिखा है। साहित्यिक पत्रिकाएँ कविता की नब्ज होती हैं। हम आसानी से उनकी रचनाओं में पाए जाने वाले साहित्यिक पैटर्न से पता लगा सकते हैं कि इस अवधि का कौन सा साहित्य आकार ले रहा है और कौन से सामान्य या विशेष […]

खुद पर भरोसा है तो खुदा भी तेरे साथ है। अपने पर भरोसा है तो हर दुआ तेरे साथ है। जिंदगी से कभी भी मत हारना मेरे दोस्त। जब तक तेरे साथ इंसानियत रहेगी। तब तक लोगों के दिलों में तेरा राज है।। ख्वाहिश ये बेशक नहीं की तारीफ हर […]

फूल खिलकर भी उदास हैं । समुद्रको आज भी पानी की प्यास हैं। एक बार तो आप मुस्करा दो। जिंदगी को हंसी की तलाश है।। दिखता नहीं हँसता हुआ चेहरा तो दिल उदास हो जाता है। न दिल कही लगता है और न मन कही ठहरता है। बस तुम्हे हँसता […]

सब धर्मों का देश है भारत सभी धर्मों से करिए प्यार इंसानियत सबसे बड़ी है न मजहब न जात दीवार धर्म अपना मानिए जरूर करिए राष्ट्र का भी सम्मान सब धर्मो से बड़ा है राष्ट्र बड़ा है भारतीय संविधान देश के राजा को चाहिए सब जन माने एक समान दल […]

उर्दू शायरी की अधिकांश गीत फ़ारसी और अरबी से आई है, लेकिन यह गीत हिंदी कविता के प्रभाव में उर्दू में आया। यह कहा जा सकता है कि गीत एक शुद्ध भारतीय शैली है। गीत एक हिंदी शब्द है जिसका अर्थ है राग, गान और गीत। गीत किसी विशेष विषय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।