विनीत आज खुशी से फूला नहीं समा रहा था । घर के सभी लोग भी प्रसन्न नजर आ रहे थे । इस खुशी का राज था विनीत का रश्मि से विवाह होना । रश्मि थी ही ऐसी लड़की । विनीत उसके रंग – रूप देखकर ही उस पर मुग्ध हो […]
अय्याशी का अड्डा बन चुके सांसद साहब के फार्म हाउस में नित नये-नये कारनामे हो रहे थे, परंतु शहर के किसी समाचार पत्र, न्यूज़ चैनल पर इस संबंध में कभी कोई खबर नहीं आई । फार्म हाउस में आधुनिक सब सुख सुविधाएं उपलब्ध थीं । स्विमिंग पूल, डांस फ्लोर, जिम, […]
इंदौर। हिन्दी पत्रकारिता से हिन्दी भाषा की क्या अपेक्षाएँ हैं? इस तथ्य को इन्दौर के लेखक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने अपनी पुस्तक ‘पत्रकारिता एवं अपेक्षाएँ’ में लिखा, जिसका विमोचन मध्य प्रदेश शासन में संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने किया। इस पुस्तक को संस्मय प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। सुश्री […]
अगर एक बार तुम आ जाते, ये आंसू आंखो से रुक जाते। लगा लेते तुम मुझको सीने से, सारे मन के मैल धुल जाते।। विरह वेदना मे मै जलती हूं, बिन अग्नि के मै जलती हूं। अगर एक बार तुम आ जाते, दिल के सारे शोले बुझ जाते।। तड़फ रही […]
दिलासा नहींभरोसा चाहती हूंभाषा हिंदी हूं जुलूस नहींसाथ हो बस सच्चाये चाहती हूं विरोध नहींकिसी से मेरा कहींप्यारी हिंदी हूं बसी दिलों मेंसबकी जुबान पेसजी हिंदी हूं हर भाषा कोप्यार से अपनातीमीठी हिंदी हूं मीरा की तानग़ालिब की ग़ज़लसबमें मैं हूँ क ख ग घ ङमुझसे ना ले पंगाशक्तिशाली हूं […]
ग़ज़ल में ग़मों के तराने लिखे कई दर्द अपने पुराने लिखे।। हमीं ने लिखी वक्त की बेरुख़ी हमी ने बदलते ज़माने लिखे।। जहां ज़िन्दगी ने अंधेरे दिए क़लम ने उजाले सुहाने लिखे।। मुझे प्यार में तूने धोखा दिया तिरे बख्शे ग़म के फसाने लिखे।। हक़ीक़त में हो ख़्वाब पूरे ये […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।