आगरा । यह बात किसी से छिपी नहीं है कि कोरोनावायरस महामारी ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है । पिछले दो वर्षों से आम आदमी का जीवन कांटो भरी डगर पर चल रहा है । आम आदमी की जमा पूंजी पूरी तरह से खत्म हो गई […]
पड़ी है भू पर आज पहली फुहार। दिल गाने लगा है नए नए मल्हार। पहली फुहार में बच्चे हुए मस्त- मतंग। दिल में आने लगी उनके एक नई उमंग। पड़ते ही पहली फुहार झूमे डाली डाली। चारो तरफ भू पर छा गई है हरियाली। पड़ती है जब धीरे धीरे नन्हीं- […]
ये दिल कमवक्त किसी न किसी पर आ जाता है। भले ही सामने वाला इसे पसंद करे न करे। पर ये दिल उन्हें देखकर बहक ही जाता है। और मोहब्बत का बीज यही से अंकुरित होता है।। दिलकी पीड़ा सहकर गीतकार बन गया। मेहबूब को फूल भेजकर उसके आशिक बन […]
नवोदित कवि सुनील चौरसिया ‘सावन’ के काव्य संग्रह ‘हाय री! कुमुदिनी’ में संकलित रचनाएं एक ऐसा मधुकोश है जो उनके विविधवर्णी पुष्पों के पराग से निर्मित है। चूँकि कवि पेशे से शिक्षक हैं अत: उनकी प्रत्येक कविताओं में शिक्षा या उपदेश का आग्रह अनायास परिलक्षित होता है। पर्यावरण प्रेमी कवि […]
आज के दौर का दोस्तो क्या हाल है। आधुनिकता के नाम पर बेशर्मी का ये दौर है। न अदब न शर्म और न ही बची संस्कृति और सभ्यता। इसे ही कहते है लोग आज की आधुनिकता आज की आधुनिकता….।। इसलिए संजय लिखता और कहता मंच से। कि कलम की स्याही […]
जीवन का सर्वश्रेष्ठ शब्द ममत्व है जो निस्वार्थता का परिमार्जित रूप है । माता पिता का अपनत्व ही ममत्व है जो हमारे मां के गर्भ में आने से पहले ही अपना अस्तित्व हमारे होने वाले माता पिता के समर्पण में दिखाई देने लगता है। कितने सारे रंगीन सपनों के बाद […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।