आंतरिक व्यक्तित्व से ही ये मन का गहना होता है जीवन पथ पर अग्रसर ये सर्वत्र मनमोहना होता है मनुष्य की भाव भंगिमा हृदय का दर्पण होती है कर्मों की अजब कहानी स्वयं को अर्पण होती है। जीवन पथ की बाधाओं में कष्ट साध्य से सहना है नित्य संघर्षों से […]

जिसने किया अहंकार, उसका हुआ ना बेड़ापार। उसके हिस्से में आए, सदा दुःखों के अम्बार। हमसे बंधे हैं जो रिश्ते प्यारे, उनके लिए हैं कुछ फर्ज हमारे। हाय करना उनसे सदा प्यार, ना करना उनसे तकरार। मिलेंगे तुझको भी सदा, खुशियों के उपहार। जिसने किया…….. दौलत शौहरत पे ना इतराना, […]

हेमंत श्रीमाल: हिन्दी गीतों की गमक ● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ इस लालकिले की पावन माटी कुमकुम की पहचान है ये मेरा हिन्दुस्तान है, ये मेरा हिन्दुस्तान है जिसकी सुबहें चांदी, संध्या केसर की बरसात करे जिसकी रातें इंद्रपुरी के मौसम को भी मात करें चंदन वन का परिचय मिलता […]

सुडौल शरीर , गोरा रंग और तीखे नैन नक्श की अनामिका जब सज – संवर कर निकलती , तो लोग उसे एकटक निहारते रह जाते । अनामिका थी ही ऐसी कि लोग उसे देखकर आहें भरा करते । अनामिका के पति काम के सिलसिले में प्राय: बाढ़ से बाहर ही […]

कभी दिलकी सुनकर देखो। उसकी धड़कनो को पहचानो। फिर संजय के दिलको सुनो। शायद तुम्हारा दिल पिघल जाये। और दिलमें मोहब्बत जग जाये।। दिल को दिल में देखो। सोये प्यार को जगा के देखो। चाँद तारों के बीच में दिल चमकता दिखेगा। तब तुम्हें मोहब्बत होने का पता चलेगा।। मोहब्बत […]

उगता सूरज दिखा रहा है,जादू अपनी किरणों से, ओस के मोतियों को,पिरोता है अपनी किरणों से। बिगुल बजा देता है,उठो भोर अब हो गई है दोस्तो अलसाई आंखो से नींद चुरा लेता अपनी किरणों से।। आर के रस्तोगी गुरुग्राम Post Views: 22

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।