अच्छे दिनों वाली कहानी नहीं है बेरोजगारी में आमदानी नहीं है जुमले के सिवा यहाँ मिला क्या है कैसे न कहें कि मनमानी नहीं है विकास तो कागजों में नजर आया सच यही सड़क नहीं तो पानी नहीं है तड़प इतनी भूख से मर रहा कोई सुध नहीं,किसी की मेहरबानी […]

उर्दू भाषा का जन्म कब, कहाँ और कैसे हुआ। इस संबंध में भाषाविदों और विशेषज्ञों के बीच काफी मतभेद हैं। भाषाविद् गार्सन दातासी, जॉर्ज ग्रेसन, जेम्स और डॉ सुनीति कुमार चटर्जी की राय को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि शोध कार्य में ऐसे लिंक मिले हैं जो इन भाषाविदों […]

मोबाइल भैया गजब ही ढावें, ऑनलाइन जब पढ़ाई करावें। थोडी देर तो क्लास चलावें, फिर बच्चों का जी ललचावें। कार्टून की फिर याद दिलावें, चोरी चोरी से गेम खिलावें। लत बुरी बच्चों को लगावें, मन बच्चों का खूब भटकावें। मम्मी पापा को बुद्धू बनावें, पढ़ने का बच्चे नाटक बनावें। मोबाइल […]

पतझड़ बन जाये बसंत मिले प्रकाश, तम का हो जाये अंत गुरुवर पाकर एक झलक सुहावनी कठोर पाषाण पिघल बन जाए पानी हमको दिया आपने ज्ञान तेज घुमड़ता था भीतर अज्ञान वेग ईश्वर से भी आगे गुरुवर करें हृदय से बारंबार सदा आदर हर प्रकार से हम तो थे नादान […]

साहित्य संगम संस्थान के बोली विकास मंच पर 4 जुलाई 2021 को आयोजित बोली संवर्धन आनलाईन वीडियो कवि सम्मेलन में शिरकत करने वाले क्षेत्रीय बोली काव्य मनीषियों को 12 जुलाई 2021 को साहित्य संगम संस्थान की साक्षात्कार शाला, सांस्कृतिक अधिकारी नारी मंच की अधीक्षिका उमा मिश्रा प्रीति जी की उपस्थिति […]

यूँ ही दिल को तड़पना ठीक नहीं है। गमो के सागर में डूबे रहना ठीक नहीं है। एक बार तो दिलसे उसे तुम याद करो। शायद उसकी तस्वीर तेरे दिलमें छाप जाये। और तेरी तड़प फिर मिट जाये।। जैसे जैसे चाँद धरा पर चांदनी को बिखेरता है। वैसे वैसे दिलमें […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।