वक़्त बिताया करो सपनों के आस-पास सपनें सजाओ खुली आँखों के आस-पास तुम्हें ज़िंदगी का मक़सद समझना पड़ेगा ज़माने में जो आए हो अदब के आस-पास चलकर देख कौन पथ से विचलित होता है चिड़िया भी जीती है उड़ान के आस-पास समझ न पाते हम अपना निशाना कहां पर है ज़िंदगी रह जाती है चूक के आस-पास जिस मासूमियत ने मुझे बादल बना दिया ज़ुल्फ़ें लहराते नहीं घटाओं के आस-पास क्या होगा सजदे में ख़ुद को गुज़ार देने से हमने रहा नहीं कभी आँसुओं के आस-पास जीते तो बहुत से जीव हैं मेरे ज़माने में तुम ही सिर्फ़ जा सकते खुदा के आस-पास मत चाहो हरियाली कहीं बोने के बग़ैर भी ख़ून-पसीना बहाना होता है खेतों के आस-पास इतना तो समझ ले ज़िंदगी सँवर जाएगी बच्चे बिखर सकते नहीं बुजुर्गों के आस-पास बड़ी मशक़्क़त से मिलती है मंज़िल ‘राजीव’ बैठे मत रहना हाथ की लकीर के आस-पास #राजीव कुमार दास हज़ारीबाग़ झारखंड Post Views: 375

कभी राम नाम की धरती थी, और कृष्ण नाम का राज था लुप्त हुए जब राम-कृष्ण, सब अंग्रेजों के हाथ था। एक दिन ऐसा भी आया, जब अंग्रेजों का अंत हुआ यह फिरंगियों का कल था लेकिन, भारतीयों का आज था। बंद हुआ सब खून-खराबा, चहुँओर खुशहाली थी लहराए फिर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।