सुख दुःख जीवन के दो पहिए रहिए दोनो में एक समान सूर्योदय सूर्यास्त के समय जैसे सूरज रहता एक समान जब उगता है तब अंहकार नही जब ढलता है तब मलाल नही शांत सौम्य रहता दोनो समय प्रचण्डता में भी नही अभिमान सूर्य ने सिर्फ देना ही सीखा कभी किसी […]

देशभर में जम्मू-कश्मीर मामले पर जो कयास लगाये जा रहे थे, सरकार ने उन कयासों पर मुहर लगा दी है। 5 अगस्त को बुलायी गयी कैबिनेट बैठक में मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिये है। उन फैसलों को राज्यसभा में सुनाते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि […]

देश का नक्शा बदल गया बदल गया स्वर्ग धरा का महामहिम के  एक आदेश से  दम निकल गया 370 का एक राज्य से अब दो हो गए केंद्र सरकार के अधीन हो गए लद्दाख को अपनी पहचान मिली जम्मू कश्मीर  सरकार गिरी भारतीय संसद में गर्जन है पाकिस्तान में भी […]

मित्र वही जो निभा सके समय पर काम आ सके सगो से भी निकट रह सके अपनत्व खुशबू बिखेर सके गरीबी अमीरी का भेद न हो जाति धर्म का छेद न हो विश्वास कभी डगमगा न सके मित्र की बुराई भा न सके मित्र को सद्ऱाह दिखा सके विकार उसके […]

कभी स्वयं की चिंता कभी परिवार की चिंता कभी समाज की चिंता कभी देश की चिंता कभी व्यर्थ की चिंता यह सब पहले भी था यह सब बाद भी होगा यानि जो होना है, वही होगा फिर चिंता किसलिए? ओर क्यों, किसी के लिए? चिंता हालात नही बदलती चिंता स्वयं […]

सत्ता ताकत से टले हुए है रुड़की नगर निगम चुनाव कौन बाहर रहे ,कौन शामिल हो विवादित बन गए बेचारे गांव न्यायालय से भी पड़ चुकी है सरकार को अनेक  फटकार कभी हाई कोर्ट, कभी सुप्रीम कोर्ट भटक रही है अपनी सरकार अच्छा होता समय पर ही हो जाते नगर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।