जिन्होंने हमे जन्म दिया उनका करे हम सत्कार उन्ही ने चलना सिखलाया भरे हममे अच्छे संस्कार हमारी नींद के लिए उन्होंने रातभर किया जगराता छींक भी अगर आई हमे दिल उनका जोर से कांपा निरक्षर से साक्षर बनाया साक्षर से बनाया विद्वान हमसे ज्यादा फिर भी रहा माता पिता को […]

सब कुछ दिया है प्रभु शुक्रिया तेरा शुक्रिया सांस लेने को हवा दी पीने को अच्छा पानी खाने को व्यंजन दिये रहने को आशियाना दुनिया तेरी रंगबिरंगी मिजाज तेरा सूफ़ियाना हर एक स्वांस याद करूँ ऋण फिर भी तुम्हारा ना उतरे जीवन मे इतनी खुशियां दे दी कृतज्ञता भाव ही […]

मौसम करवटे ले रहा है रहिए आप भी सावधान शीत ऋतु का आगमन है रखिए अपनी सेहत का ध्यान बदलते मौसम में स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी त्यौहारों का मौसम आ गया घर की साफ सफाई है जरूरी पानी एकत्र कही होने न पाए मच्छरों से बचना बहुत जरूरी […]

पुतला तो रावण का जल गया जलकर वह खाक भी हो गया हम तालिया बजाते ही रह गए वह फिर से खड़ा वहां हो गया असल मे तो वह जला ही नही राम के हाथों वह मरा ही नही रावण तो अब भी घर घर मे है राम जैसा कोई […]

वही सदा हुआ बदनाम अपनी असुरता के कारण रावण ने भी भुगता अंजाम वह बल ,बुद्धि में कम नही था वह पूजा पाठ में भी कम नही था सीता अपहरण का दुस्साहस अपराध उसका कम नही था अन्याय का दंड मिलकर रहेगा सगा भी पराया होकर रहेगा असत्य सदा ही […]

हम प्रतिवर्ष चारों वेदो के ज्ञाता और सभी छः शास्त्रों पर अपनी विजय पा लेने वाले लंकापति राजा रावण को प्रतिशोध रूप में जलाने की परंपरा निभाते चले आ रहे है।लेकिन जिस रावण को जलाना चाहते है वह तो कभी जलता ही नही है अलबत्ता उसके पुतले को जलाकर हम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।