मौसम में ठंडक आने लगी है दीपावली की आहट होने लगी है आओ करें घर की साफ सफाई बाजार में भी सजावट होने लगी है अब मन की सफाई भी हो जाये व्यर्थ का कचरा मन से छट जाये सकारात्मकता के दीये जलाकर मन को प्रकाशमान कर दिया जाये सच्ची […]

भारतीय संस्कृति गजब है गजब है इसके त्यौहार एक दूसरे के सम्मान का प्रतीक बन गये ये त्यौहार करवाचौथ हो या फिर अहोई बायना अपनो को ही मिलता सास-ससुर हो या बहनोई श्रद्धाभाव, सम्मान भी मिलता छोटो -बड़ो में प्यार भी बढ़ता भाई -बहन के रिश्तों में भी ये त्यौहार […]

हर संतान मां के लिए है प्रभु का वरदान संतान की खातिर मां अपनी भी दे देती है जान संतान सुखी तो मां सुखी संतान दुखी तो मां दुखी संतान की हर धड़कन में बस, मां की धड़कन जान मां हर दुख सहकर भी देती मीठी मुस्कान सच पूछो तो […]

अहोई माता का व्रत रखने और उनकी मनोयोग से पूजा करने से अहोई मां, उपवास रख रही मां व उनकी सन्तान को लम्बी उम्र का आशीर्वाद देती हैं। संतान की सलामती से जुड़े इस व्रत का बहुत महत्व है। साथ ही इस दिन की पूजा को विशेष पूजा भी कहा […]

अंग्रेजी का झंझट छोड़ो अब हिंदी की जय बोलो कब तक हिंदी गुलाम रहेगी सत्ताधीशों कुछ तो बोलो हिंदी होना कब शान बनेगी भारत की पहचान बनेगी संसद में सिर्फ हिंदी बोलो या फिर मातृभाषा बोलो विदेशी भाषा का मोह छोड़ो हिंदी से अब नाता जोड़ो राष्ट्रभाषा बने अब हिंदी […]

जन्म की भाषा हिंदी का एक अनूठा मंदिर है प्यारे विदर्भ की धरती वर्धा में हिंदी के प्रशंसक है सारे महात्मा गांधी के नाम पर हिंदी का मंदिर बनवाया है सवा सौ एकड़ भूमि पर हिंदी साम्राज्य सजाया है साहित्य विभूतियों की यादें ताजा हमेशा रहती यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।