मधुर वचन ही बोलिए, सबके मन हर्षाय। कर्कश वाणी आपकी, सबको नहीं सुहाय। काम तू ऐसा कीजिए, जग में हो पहचान, नेक कर्म का फल मिले, लोग करें गुणगान। मात-पिता के चरण में, होते चारों धाम, उनकी तुम सेवा करो, बनते बिगड़े काम। प्यार भरे अनमोल पल, थामें रखना हाथ, […]