अरे ओ मुसाफिर जरा सम्भल कर चल ठोकर लग जायेगी नजरे झुकाकर चल सर उठा कर चलने वाले हम भी खड़े हैं राह मे जरा नज़रे मिलाकर चल गुरूर में हीं एक दिन ज़िन्दगी  थम जायेगी ज़िन्दगी है दो पल की सबको निभा कर चल आज तेरे पास है कल […]

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बैठी हूँ मैं आस लगाऐ मुन्ना कब घर आयेगा थक गई है,बुढ़ी आँखे कब तक मुझे सतायेगा बड़ा नटखट था बचपन में सरपट दौड़ लगाता था भागी-भागी मैं तेरे पीछे तु फिर भी निकल जाता था देखकर भूखा तुझको मुन्ने मैं भूखी ही सो जाती थी उठकर रोता रात को […]

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कहाँ-कहाँ फैली है गंदगी क्या-क्या तुम साफ करोगें सड़क,गली मोहल्ले और बेटी से भी इंसाफ करोगें बीड़ी,शराब और तम्बाकू या हो सिगरेट का धुँआ सब के सब है हानिकारक कहलाता मौत का कुआँ मौत वह भी नही जो आसानी से आ जाती है हाँ,मौत वह है जो तड़पा-तड़पा कर खाती […]

चाँद तक जाकर,आ गये सूरज पर अब तक जा न सके धरती को तुमने नाप लिया लहरों की गिनती बता न सके चीर दिया मानव शरीर खून , तुम बना न सके कितने दीप जलाये तुमने नेत्रज्योति दिला न सके खोज तुम्हारी अब भी अधूरी मृत्य पर विजय पा न […]

बहती मेरी कल-कल धारा श्वेत रंग मे रंगी हुई सी है पवित्रता समेटे हुऐ फिर भी देखो ठगी हुई सी ……………………… करते है,पवित्रता की बाते मुझको ‘गंगा माँ’ कहते है खाते है सौगन्ध मेरी गर्व से सीना फुलाते है …………………….. मै तो आई थी पत्थरों से सर अपना टकराकर राह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।