(गणतन्त्र दिवस विशेष) सच कहता हूँ कमी बहुत है, व्यवस्था में बहुत चूक है राजनीति में ईमानदारी नहीं, यह तो पूरा गणतन्त्र नहीं। देश का जन भी सुरक्षित नहीं, रुकती कभी घुसपैठ नहीं देश के लिए खतरा जो बने हैं, उन पर लगती पाबन्दी नहीं। आमजन चुनाव नहीं लड़ सकता, […]

शब्द साधना करते रहिए, नया कुछ भी रचते रहिए। सरस्वती बैठी रहे जीभ पर, ऐसी वाणी बोलते रहिए। शब्द साधक तो निमित्त मात्र है, असली रचयिता भोलेनाथ है। शिव गुणगान करते रहिए, अच्छा-अच्छा लिखते रहिए। अभिव्यक्ति से आत्म सन्तोष मिलता, बुझा व्यक्तित्व भी खिल उठता। परमात्म सेवा बस करते रहिए, […]

जो तुमको बुरा कहे, उसका स्वागत करो यार… केवल बुरा वह हुआ, मैंने तो किया प्यार… उसके मन में आई बुराई, फिर जबान गन्दी करवाई… जब मुझ पर हुआ उसका वार, अस्वीकार किया हर प्रहार… उसकी स्थिति बिगड़ती गई, मेरी हालत नहीं बदली भाई… वह क्रोध से लाल हुआ, जिसने […]

कई खुशियां,कई बड़े दर्द, देकर विदा हुआ गया सालl नई खुशियां,नई उमंगें लेकर, आधी रात आया नया सालl जो दर्द मिला उसे भूल जाएं, जो खुशियां मिली वह याद रहेंl जो हमसे रूठे रहे सालों-साल, आओ उनको मनाकर ले आएंl तहेदिल से करें उनका सत्कार, करें प्रतिज्ञा माता-पिता सेवा कीl […]

तारीख,महीना,साल बदल जाते हैं, परन्तु नहीं बदलती हमारी दिनचर्या। कैलेण्डर बदलने की बधाईयां, एक औपचारिकता का एहसास… इसके सिवाए कुछ भी तो नहीं, मनाना ही है अगर नया साल… दिनचर्या में लाएं नया बदलाव, किसी का दिल न दुखाने का बदलाव… गैर को अपना बनाने का बदलाव, देश के लिए […]

जीवन एक अनमोल है, रखिए इसे सम्भाल जरा-जरा-सी बात पर, जीवन खतरे में न डालl एक बार जीवन गया, फिर हाथ न आएगा आत्मा कष्ट भोगेगी प्रभु नाराज हो जाएगाl आत्महत्या करना भी है जघन्य अपराध, जो जीवन से हारा हो गया वह बर्बादl क्रोध,विवेक हरता है, पाप वही करता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।