जीवन की छाया,
वो तुम हो माँ।
हर पल की साथी,
वो तुम हो माँ।
हर युग में पूजित,
वो तुम हो माँ।
जीवन का अंकुरण,
वो तुम हो माँ।
माँ बनकर युग को रचती,
वो तुम हो माँ।
वात्सल्य की सच्ची मूरत,
वो तुम हो माँ।
प्रेम की गंगा बहाती,
वो तुम हो माँ।
नफ़रत की आग से बचाती,
वो तुम हो माँ।
घर की ख़ुशियों का ख़ज़ाना,
वो तुम हो माँ।
मर्यादा का गहना,
वो तुम हो माँ।
ममता की बरखा बहार,
वो तुम हो माँ।
ईश्वर का प्रतिबिंब,
वो तुम हो माँ।
कभी कौशल्या, कभी यशोदा,
वो तुम हो माँ।
प्रेम का प्रबंध,
वो तुम हो माँ।
जीवन की सच्ची परिभाषा,
वो तुम हो माँ।
आशा की सहज सरल रेखा,
वो तुम हो माँ।
हज़ारों कष्टों को झेलती,
वो तुम हो माँ।
पिता की फटकार से बचाती,
वो तुम हो माँ।
ठंडी हवा-सी सहलाती,
वो तुम हो माँ।
मेरी सच्ची सखी,
बस तुम ही हो माँ।
#श्रीमती रश्मिता शर्मा
इन्दौर (मध्य प्रदेश )