(बाल दिवस विशेष) याद आ गया मेरा प्यारा-सा बचपन, जिस गांव घर-गली ने सवांरा था बचपन। चार पहिए की गाड़ी अब मेरे पास है पर, एक पहिए की गाड़ी ने निखारा था बचपन। वो खुशी मुम्बई शहर में न हमको मिली, जिन खुशियों से मैंने गुजारा था बचपन। कंचे,गुल्ली-डंडा,एक पहिए […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
