तुम लाशें बिछाते रहो, हमअर्थी उठायेंगे ; तिरंगे का कफन देकर, वंदे मातरम गायेंगे | समूचा भारत उजाड़ दो, पर हाथ नहीं उठायेंगे ; भले ही मर जायें, पर शांति दूत कहायेंंगे | गाै की पूजा करके , गाै ही बने रहेंगे , तुम्हारी सोच मे खोट है , कि […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
