जन्म लिया है भारत में, तभी तो प्यारा लगता है। विश्व में सबसे न्यारा, देश हमारा दिखता है। कितने देवी देवताओं ने, जन्म लिया इस भूमि पर। धन्य हो गए वो सभी जन, जिनको जन्म मिला इस भूमि पर।। कण कण में बस्ते है भगवान, वो भारत देश हमारा है। […]

मंदिर मस्जिद का मुद्दा सुल्टा राजनीति का भी मुद्दा सिमटा न्यायालय ने हल निकाल दिया जनमानस को नया विश्वास दिया राम पर न राजनीति हो पाएगी रामलला की आरती की जाएगी मस्जिद को भी सम्मान मिला निर्माण को एक स्थान मिला ईश्वर अल्लाह को याद कर लो विधि कोई भी […]

करा दो मुलाकात बड़ी उम्मीद से आया हूँ। मिला नही अभी तक मुझे किसी से प्यार। तभी तो तेरे शहर में प्यार के लिए आया हूँ। अब मिले या न मिले पर तेरे शहर में आया हूँ।। मिलेगा मुझे यहां मुकाम दिल मे उम्मीद जगी है। तभी तो इस वीरान […]

रामलला को स्थान मिला मस्जिद को भी सम्मान सर्वोच्च न्यायालय ने रचा न्याय का अनूठा कीर्तिमान जो दो सौ वर्षों से नही हुआ न्यायालय ने कर दिखाया एक राय से फैंसला देकर न्याय की गरिमा को बढ़ाया अब राम की पूजा हो सकेगी मस्जिद में भी होगी अजान धर्मनिरपेक्षता की […]

बिजली के नंगे तारों से, चिड़िया धोखा खा जाती, गलती से चोंच भिड़ा जाती | करंट खाकर मर जाती || कौन उसे यह बात बताये, नंगे तारों पर न चोंच लड़ाये, पर वो बेचारी समझ न पाये | चिड़िया जाये तो कहाँ जाये || पेड़ बचे अब बस थोड़े से, […]

संस्कार प्रेम है। संस्कार अनुशासन है। संस्कार शीतलता है। संस्कार आदर सिखाता है। संस्कार से सुविचार आते है। संस्कार झुकना सिखाता है। संस्कार क्रोध मिटाता है। संस्कार आँसू धो देता है। संस्कार अहंकार मिटाता है। संस्कार हमारी संस्कृति है। #रूपेश कुमार Post Views: 434

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।