जीवन गति को अच्छा बना लो सोच जरा सकारात्मक बना लो बुरा भी कोई करे अपना तो उसको प्यार से गले लगा लो बैर, द्वेष, ईर्ष्या न हो किसी से सबके प्रति सदभाव जगा लो मनुष्य वही जिसमे मनुष्यता है दया,करुणा,अपनत्व अपना लो स्मृति कभी विस्मृत न हो सके ईश्वरीय […]

कभी हँसाती कभी रूलाती यादें! कभी सताती खट्टे-मीठे दिन याद दिलाती यादें! गुजरे दिन दु:ख या मौज में पल-पल की फिल्म दिखाती यादें! खुशी हो या हो गम आँसू बनकर छलक जाती यादें! ये नटखट बड़ी सताती तरह-तरह के रूप दिखाती यादें! कभी बचपन तो कभी पचपन की सैर कराती […]

चलते चले जा रहे, कुछ करने के लिए। मंजील का पता नही, फिर भी चले जा रहे है। सोचकर कुछ ऐसा की, कभी तो मंजील मिलेगी। और इसी आशा में, जीवन जिये जा रहे है।। जीवन का लक्ष्य हम, एक दिन जरूर पाएंगे। कहने से पहले, करके हम दिखाएंगे। और […]

हे प्रभु ज्ञान दाता,ज्ञान हमको दीजिये | शीघ्र हमारे दुर्गणों,को दूर हमसे कीजये || लीजिये हमको शरण में,हम सदाचारी बने | ब्रह्मचारी धर्म रक्षक और वीर व्रतधारी बने || रोम रोम में ओम भर जाये हमारे | प्रभु, ऐसी शक्ति हमको दीजिये || छल कपट से कोसो दूर रहे हम […]

सींचा जिसने नौनिहालों को अपने मेहनत के पसीने से । जिसे देख बच्चों का मन झूम उठता हैं सीखनें की खुशी से ।। बिन संसाधनों के कर दिए नायाब नवाचार हौसलों से । सुभाष यादव जैसा जज्बा जगाएं हम सच्चे जतन से ।। प्रायः शासकीय सेवारत शिक्षक साथियों के विचारों […]

क्रांतिधरा मेरठ में बह रही कलमकारों की अदभुत गंगा भारत नेपाल साहित्य मित्रता का साक्षी बन रहा है भारतीय तिरंगा भाषाओं के परस्पर अनुवाद से हिंदी नेपाली में निकटता होगी हिंदी दुनिया मे पैर पसारेगी भारत की दुनियाभर में जय होगी साहित्य कुंभ के विजय पंडित ने सचमुच करिश्मा कर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।