वेणी* मिलती संगम में सरित, कहें त्रिवेणी धाम! तीन भाग कर गूँथ लें, कुंतल वेणी बाम! कुंतल वेणी बाम, सजाए नारि सयानी! नागिन सी लहराय, देख मन चले जवानी! कहे लाल कविराय, नारि इठलाती चलती! कटि पर वेणी साज, धरा पर सरिता मिलती! . 🤷🏻♀🤷🏻♀ . २. कुमकुम माता पूजित […]
काव्यभाषा
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