जल,जंगल,जमीन की लड़ाई हमे हमारा अधिकार दो भाई जीने का सबको यहां हक है हम यही के है क्या कोई शक है हम गांधी मार्ग के है अनुयायी अहिंसा से ही सब मुहिम चलाई वनाधिकार आंदोलन रंग लाया राजस्थान तक इसे पहुंचाया तरुण भारत ने भी मान दिया किशोर उपाध्याय […]

हम बड़े ना तुम,बड़ा रब, ख़ानदानी है। डींग मारें हम भले वो आसमानी है।-01 * मौत आती सामने जब,बच न पायें तब, ज़िन्दगी अपनी कहें,दो बूंद पानी है।-02 * ठोकरों के बाद भी जो,यार संभले ना, खामखां वो गिर रहे ये ज़िन्दगानी है।-03 * यार कोई आसमां सा, है नहीं […]

तुमने मुझे क्यों चुना, मोहब्बत करने के लिए। मुझमें तुम्हें क्या, अच्छा और सच्चा लगा। मैनें तो तुमसे कभी, निगाहें मिलाई ही नहीं। फिर भी तुमने अपना दिल, मेरे को क्यों दिया।। दिलके झरोखो से क्या तुम्हें कोई तरंग मिल गई। मैने सुना बहुत था, तुम्हारे बारे में कुछ। पर […]

किश्तो में सही मुहब्बत को तू कर्ज देकर जाए । सूद समेत लौटाउगी थोड़ी सी मोहलत भी तू दे जाए वक्त भी है फुर्सत भी है कुछ वादा करके ही जाए पुरानी पड़ी दिल में यादों को ताज़ा करके जाए मुझे क्या पता वो लौट कर आए या ना आए […]

जीवन मे जो भी करो करो सोच विचार कर आगे किधर जाना है निर्णय लो विचार कर एक कदम भी गलत न हो सावधानी रखनी होगी दिल किसी का न दुखे ऐसी राह पकड़नी होगी जितनी सेवा हो सके करो ईश्वरीय जानकर अहंकार जरा भी न हो चलो खुद को […]

उड़ती पतंग को देखकर मन की अभिलाषा यही मैं भी बन जाऊँ पतंग पर ऐसी जिसकी डोर किसी के हाथ न हो जो जब चाहे ऊँचे आकाश से गिरा दे हमें पतंग के डोर हो स्वतंत्र जो पतंग जैसे उड़े बेखबर कभी आसमान के परे हमें उड़ना है हवाओं के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।