प्यार को प्यार से देखोगे, तो प्यार पाओगे। दिल में मुरझाए हुए, फूल भी खिल जाएंगे। जिस को भीड़ में, ढूंढ रहे है तेरी निगाहें। मेरा दावा है कि वो, तुझे मिल जाएगा।। निगाहों का निगाहों से, जो तुम खेल रहे हो खेल। वो ही निगाहें अब तेरे, दिल को […]

मेरी माँ ने एक बार कहा था , बेटे जहा गणतंत्र का झंडा , फहराया जाये , 26 जनवरी को , वहा ! उस जश्न मे मत जाना , उस झण्डे के नीचे मत जाना , ये सफेदपोश , उस झण्डे को दागदार कर दिये है , हर साल इसकी […]

वो क्रांति वीर जलता रहा अंधेरों से लड़ता रहा। ले स्वराज का दीपक गांधी जी के संग चलता रहा। पर प्रण लिया कठोर अधिकार हमको चाहिए, भीख नही हमको स्वराज ही चाहिए। तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा, जकड़ी है जंजीरों में हमारी मां भारती को मैं मुक्त […]

सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को जानकी नाथ बोस के यहा उड़ीसा में कटक शहर में हुआ था, उनके पिताजी वकील थे, माता का नाम प्रभात देवी था, 1913 मे उन्होने आर्ट्स कॉलेज की मे पढ़ाई की शुरुआत की और कलकता की प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया, […]

शिक्षा के मन्दिर मे , बलात्कार करते हो तुम, गुरु के पवित्र नाम पर , कलंककित होते हो तुम, हे भारत के ज्ञान दाता , ज्ञान के मन्दिर को , बेटियों की इज्जतो से खेलते हो तुम , गुरु के नाम को बदनाम के रंग से रगते हो तुम, लड़कियो […]

स्त्री का एक भी पल स्वयं का नहीं है , स्त्री जिसका कुछ भी नहीं है अपने लिए, हमेशा सब कुछ किया जिसने सबके लिए, जैसे पूरा आकाश मिल जाता है, जब स्त्री को मातृत्व का सुख मिल जाता है, उसका एकांत क्षण नहीं होता अपने लिए, स्त्री जब मां […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।