दोस्ती वो कश्ती है जो, सागर पार करवा देती है। आंखे मिलती है और, दिल मुस्करा देते है। एक बार दोस्त बनकर, तो किसी के देखो। जिंदगी जीने का अंदाज, तुम्हारा बदल जायेगा।। जब सामने नहीं होते है, तो हमें याद करते हो। और जब सामने होते है, तो अनजान […]

तेरी ख़ुमारी मुझपे भारी हो गई है। उम्र की मुझपे यूं उधारी हो गई है।। मुद्दतों से खुद को ही देखा नही आईने पे धूल भारी हो गई है।। चाहकर भी मौत अब न मांगता । ज़िन्दगी अब जिम्मेदारी हो गई है।। छुपके-छुपके देखते जो आजकल। उनको भी चाहत हमारी […]

न किस्सों में न कश्तियों में,जिन्दगी खूबसूरती है रिश्तों में।किसे पता था वक्त ऐसा भी आएगा,जब इंसान इंसान से दूरियां बनाएगा।खुदको भगवान समझ लिया था,मौत के फैसले खुद लिख रहा था।कुदरत का कहर तो देखो अब,मौतके डरसे  खुद छुपा बैठा है।बहुत घमंड था उसे अपनी शक्तियों पर,जिससे दुनियां का बादशाह […]

नित प्रगति की राह पर विग्यान रोशन हो, आपका भी ख्वाब और अरमान रोशन हो, ओ पुजारी दीप- दीवाली और वतन के, जलाओ दीप ऐसे कि हिन्दुस्तान रोशन हो।। खरीदें दीप माटी के तो रज का मान बढ़ जाये, स्वदेशी की धरा धारा और सम्मान बढ़ जाये, जलायें दीप खुशियों […]

माया मोह में जो भी फंसा परेशानियों मे वही धंसा माया मोह बड़ा विकार है मिलती इनसे दुत्कार है मन की कमजोरी आती है अपनो को गुलाम बनाती है माया मोह विवेक हर लेती काम न कोई नेक करने देती स्वार्थ इनका अंधा बनाता भाग्य भी कोई साथ न देता […]

दीप जलाओ तुम सब। करो अंधकार को दूर। रोशनी कर लो मन में। इस दीपाली पर।। घर का कचड़ा साफ करो। मन को करो तुम शुध्द। जग मग कर दो गली मौहल्ले और अपना घर। दिलो में खुशीयाँ भर दो, इस दिवाली पर ।। खुशीयाँ घर घर जाकर। देते जाऊ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।