स्कूल,स्वागत द्वार सजाएं, आओ प्रवेश उत्सव मनाएं। तिलक से करें हम स्वागत, नवप्रवेशी बच्चे शाला आएं॥ बेटा-बेटी को खूब  पढ़ाएं, अशिक्षा का तिमिर मिटाएं। शिक्षा ही विकास की सीढ़ी, ऐसा संदेश घर-घर फैलाएं॥ किताब,गणवेश मुफ्त पाएं, स्वादिष्ट  भोजन  मन भाएं। साईकिल,छात्रवृति,बेहतर शिक्षा हेतु नामांकन कराएं॥ बच्चे दौड़े-दौड़े शाला आएं, आओ […]

तन-मन,चिंतन कर दिया, तुम्हें समर्पित राम। फिर अपनाते  क्यों  नहीं, राघव करुणाधाम?॥ प्रभु मारुति !अब कीजिए, मर्मान्तक आघात। अहंकार   करने   लगा, फिर मन में उत्पात॥                                               […]

चाटुकारों का ही जलवा दिखता है, उनके हिस्से में ही ‘हलवा’ दिखता है। आप करते हैं प्रदर्शन कुछ नहीं, हम करें तो उसमें ‘बलवा’ दिखता है। आपके आँसू दिखे अखबार में, किंतु हमको एक ‘छलवा’ दिखता है। शोषकों की ज़िन्दगी है सुर्ख़ियों में, अपना तो झुलसा ही ‘तलवा’ दिखता है। […]

श्वांस सब रवाँ-रवाँ, मौसमों की डोलियों में खुशबुएं रमा-रमा, कहार-सा श्रावण चला। घुमड़ रहीं हैं बदलियाँ, अठखेलियाँ जवाँ-जवाँ शबाब पर हैं बिजलियाँ, कड़क रहीं यहाँ-वहाँ। ये श्वेत अश्व मेघ के, घटा के रथ को खींचते छलका रहे हैं व्योम से, अमृत कलश जहाँ-तहाँ। उठता रहा समुद्र से, टकरा रहा पहाड़ […]

कह  गये  कबिरा  रहीमा  प्यार ही   है बंदगी। प्यार  करने  से  मिटे   मानस की सारी गंदगी। प्यार  ही  है भक्ति संगत प्यार  ही   है   साधना। प्यार  का  ही  नाम  दूजा  है अवध अब जिन्दगी॥ प्यार   करने   की  सज़ा देती  रही लेता   रहा। दिल […]

रिश्ता न खून का होता है, न जाति पाति का होता है॥ अमीर और गरीब में न फरक है, मीत मानता उर पर हक है॥ चाहे आसमान टूट जाए चाहता है दिल न रुठ  जाए॥ भूखा रहकर भूख मिटाता, कदम-कदम पर कष्ट मिटाता॥ मित्र गुणों को पहचान लेता, सारे जग […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।