हाथ पर हाथ रखकर बैठना यह आलस्य की निशानी है क्यो समय जाया करते हो यह जिंदगी बड़े काम की है समय नही खाली बैठने का हर क्षण का उपयोग करो सद्कर्मों का यज्ञ रचकर नवनिर्माण की शुरुआत करो सांसे सीमित है काम बहुत है यह ध्यान हमेशा रखना है […]

जोड़ जोड़कर तिनका, पहुंचे है यहां तक। अब में कैसे खर्च करे, बिना बजह के हम। जहां पड़े जरूरत, करो दबाकर तुम खर्च। जोड़ जोडक़र ……। रहता हूँ मैं खिलाप, फिजूल खर्च के प्रति। पर कभी न में हारता, मेहनत करने से । और न ही में हटता, अपने फर्ज […]

गाँव की औरतें घड़े को सिर पर उठाकर, हँसते हुए – घर में हँसी – ठिठोली करते हुए, अगर थोड़ा भी पास से, उनका कुआं हो सकता है पाने के लिए संघर्ष कर रहा है पास भी नल अगर होशपूर्वक नहीं कितनी बार से कुआं बाद लौटा पानी भरना,। कितना […]

बूंद-बूंद पानी का प्रवाह देता है एक धारा को पतली -पतली सी धाराएं गति देती हैं एक नदी को बलखाती ,इठलाती अठखेलियां करती चलती है अपनी ही यौवन की मस्ती में जीवन को पोषित करती है बाधाओं को अपने प्रचंड प्रवाह से लांघती पार करती हैं अनंत ऊंचाइयों, गहराइयों को […]

कभी तो चैन से रहा करो यूं बेचैनी न दिखाया करो व्यर्थ समय न गंवाया करो स्वयं को ज़रा संवारा करो मायूस चेहरे पर मुस्कान आए कुछ ऐसी जुगत भिड़ाया करो सुख,आंनद, खुशी वह देगा बस प्यार से उसे पुकारा करो सूरत एक सी है उसकी- हमारी उससे योग लगाया […]

शहरों सा झुलस रहा है अब गॉंव पीपल रहा न चौक में, मिट गई ठंडी छांव जल-जंगल सभी हो गये यहॉं लापता कंक्रीट के जंगलों ने पसारा चहुंओर पांव शहरों सा झुलस रहा है अब गॉंव ताल-तलैया, नदी-पोखर, कुए सब सूखे मानव बनकर दानव खेल रहा स्वार्थ के दॉंव शहरों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।