मातृ भाषा है हिन्दी मेरी, मेरे भारत का अभिमान। बावन अक्षर इसमें प्यारे, करते है हम सब सम्मान।। बारह खड़ी कि अद्भुत रचना, क से ज्ञ तक व्यंजन जान। स्वर की महिमा बड़ी अनोखी, प्राकृत का होता है ज्ञान।। स्वर व्यंजन व व्याकरण मिलके, बनते है फिर छंद महान। गीत […]

शब्दों का  मधुर गुंजन कविता होती है। भावना की अभिव्यक्ति कविता होती है।। छन्द मात्रा लय ताल सुर कविता होती है। जीवन मे माधुर्य लुटाये वो कविता होती है।। प्रकृति का अतुलित आनन्द कविता होती है। संघर्षों में विजय दिला दे वो कविता होती है।। सत्पथ पर सबको चला दे […]

जला सूरत तस्वीर थी बदसूरत प्रशासन था मौन कैसी ये फितरत झुलस गए मासूम  मां उसको निहार रही, हड्डी के ढांचों में ममता निढाल विलाप रही। आग बुझी इमारत की दिल की आग कौन बुझायेगा क्या सिर्फ मुआवजों से मरहम लग पायेगा। सुविधा विहीन इमारत पर कोचिंग का गोरख धंधा […]

हिंसा की आग में कैसी यह सोच तोड़कर पूर्वजों की मूर्तियां जता रहे अफसोस। —————- नफरतों के दौर इतने न बढ़ने पाए सलामत रहे जिन्दगी दुआ सलाम फरमाए। ——————- जीवन के कालचक्र सभी को उलझाए आसमान में उड़ने वाले एक दिन जमी पर आए । ——————- सब दिन न रहे […]

भूख लगे तो रोटी की जात नहीं पूछा करते पेट को लगेगी बुरी,ये बात नहीं पूछा करते  1 ये धरती बिछौना ,ये आसमाँ है शामिआना बेघरों से बारहाँ दिन -रात नहीं पूछा करते   2 मालूम है कि एक भी पूरी नहीं हो पाएगी बेटियों से उनके जज्बात नहीं पूछा करते  […]

मन से सन्त जो हो गया माया मोह से छूट गया राग द्वेष कोई न रहे मन मे राम बसे रहे घर छोड़ना जरूरी नही परिजनों से दूरी जरूरी नही दायित्व सभी निभाओ तुम व्यवहार से सन्त बन जाओ तुम। #श्रीगोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ मई १९६४ हैl आपका […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।