छोड़ दो मिथ्या दुनियां सार्थक जीवन के लिए। इससे बड़ा सत्य कुछ और हो सकता नहीं। चहात अगर प्रभुको पाने की हो । तो ये मार्ग से अच्छा कुछ और हो सकता नहीं।। छोंड़ दो…….।। मन में हो उमंग प्रभु को पाने की। करना पड़ेगा कठिन तपस्या तुम्हें। मिल जाएंगे […]
क्या सच में सच बोलूं सभी कहते हैं.. सच ही बोलो लेकिन सच्चाई यह है कि सच बोलने वाला झूठा हो जाता है सच में सच बोल दो तो बहुत बड़ा पंगा हो जाता है सच में दंगा हो जाता है जो समझता बड़ा अपने को वह सरेआम नंगा हो […]
बारिश का मौसम सुहाना अच्छा लगा उस पर ये दिल दीवाना अच्छा लगा गिरी आसमान से पानी की बूंदे कुदरत का ये नजराना अच्छा लगा तितलियां ये पँछी ये पर्वत घटाएं धरती की गोद मे ठिकाना अच्छा लगा हरा भरा खेत खलियान पुलकित दिशाएं उस पर किसानों का मुस्कुराना अच्छा […]
डा प्रभात कुमार प्रभाकर नई नस्ल के हिन्दी के ऊर्जावान लेखक हैं. इस बात का अंदाज़ा इसी से लग जाता है कि इस नये साल में ही अज्ञेय पर उनकी दूसरी और कुल चौथी पुस्तक है. अज्ञेय विचार और विमर्श डा प्रभात कुमार प्रभाकर, और डा सत्यदेव प्रसाद के सन्युक्त सम्पादन […]
सूर्य का प्रचण्ड वेग है तापमान बहुत तेज है पसीने पसीने हो रहे सब जीना मुहाल हो गया अब बादल भैया आ भी जाओ झमाझम बरस भी जाओ गर्मी से तो निजात मिले जीने की सौगात मिले माना हमने गलती की है जंगल कंक्रीटों की खड़ी की है प्रकृति विनाश […]
सेवानिवृत्ति एक मध्यांतर है एक नई ऊर्जा का संचार हैं । पहले थे आप सरकारी अब असर कारी , यही अंतर हैं ।। आपसे ही सीखा हमने यह लेखन,कला कौशल बेहतर । लेकर हर पथ पर मार्गदर्शन पाया हैं स्थान देश – देशांतर ।। आपका ऋण उतार सकता नही “गोपाल” […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।