प्रशासन की नाकामी का कितना भद्दा खेल, जाने कितनों को लील गई वो कम्बख्त रेल, वो कम्बख्त रेल दशहेरा हो गया काला, जाने कितने घरों से मिट गया उजाला, खुशियां लेने आए थे पर आँसूअन भरी परात, जाने वो कहां बिछड़ गए आए थे जो साथ, आए थे जो साथ […]

अलस्सुबह के हसीं आफताब जैसा है मेरे महबूब का चेहरा गुलाब जैसा है ======================== उसमें अक्स अपना देखूँ या पढूँ मैं उसे दिल आईना है और बदन किताब जैसा है ======================== डूबती जा रही है मेरी हस्ती कि उसका जैसे एक – एक आँसू सैलाब जैसा है ======================== जिन्हें कल […]

रावण के पुतले जले रावण फिर भी रह गया रावण तो हमारे भीतर है रावण खुलकर कह गया रावण को समझ थी राम से मोक्ष पाने की सीता तो उसकी माता थी जिसे वह साथ ले गया रावण जलाने से पहले कभी एक बार सोचो यह भी जो जला रहे […]

मांग में भरकर सिंदूर, माँग पर माँग टिका लगाई माथे पर सजाईं बिंदिया,. कंगनो से भरी कलाई रचाई मेहंदी अपने हाथो में नाक में नथनी लगाई सज धज सोलह शृंगार कर मैं आज निखर आई भाग लिए सुहागन का रहें जन्मो जन्मो का साथ पूर्ण हुई हर आभिलाषा रहे परिपूर्ण […]

तुलसी के समीप जलता दीपक आँगन का करता प्रतिनिधित्व लगता नन्हा सूरज लेता हो जन्म रोज आँगन में । श्रद्धा /आस्था /प्रेम /कर्तव्य की भावना दीप की लो में ज्यादा प्रकाशवान दिखाई देती है जो माँ ने सिखलाई थी बचपन में याद आती है तो पाती हूँ तुलसी की क्यारी […]

तुम अपनी उदास काली अंधेरी रातें मुझे दे दो। अपने सभी दुख दर्द आंसु अकेलापन उदासियां सब मुझे दे दो। सर्दी गर्मी पतझड़ आंधी तूफ़ान भी मुझे दे दो। और ले लो मेरे हिस्से की धूप बसंत हंसी खुशियां। इस नव वर्ष के उपलक्ष्य पर मैं ले लेना चाहता हूँ। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।