बस नाम ही काफ़ी है, माँ यहीं कहीं रहो तुम करीब मेरे जब अतीत का सहारा चाहते हैं आँखें भीगी–सी तुम्हारी तुम तब भी मेरे साथ होती हो मेरी माँ जैसे मैं तुम्हें छू पाता हूँ अहसास पा सकता हूँ तुम्हारा कर सकता हूँ महसूस ध्वनि पदचाप की तुम्हारी जब […]
जीवन के यथार्थ से संवाद करना है साक्षात्कार- शैलेन्द्र जी इंदौर। श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा मासिक पत्रिका ‘वीणा’ के वर्तमान संपादक श्री राकेश शर्मा से देश के विभिन्न साहित्यकारों द्वारा लिए गए साक्षात्कार, जिन्हें ‘अर्थ तलाशते शब्द’ कृति में समाहित किया गया, का लोकार्पण आज समिति के शिवाजी […]
