मौत से काहे को डरता बन्दे,मौत तो एक दिन आयेगी। सब कुछ रह जाएगा यहां,कुछ चीज नहीं तेरे संग जाएगी ।। धन और दौलत कोठी बंगले,यही सब कुछ रह जाएंगे। खाली हाथ आया तू,खाली हाथ सब ही जाएंगे।। भज ले प्रभु का नाम तू,फिर समय नहीं मिल पायेगा। कब तेरा […]

बहर- 212 212 212 212 प्यार में कब हुआ है नफ़ा देखिए। प्यार में कब मिली है दवा देखिए। प्यार सदियों से’ जाता रहा है छला, प्यार को छल रहे बेबफ़ा देखिए। प्यार पाने की’ हसरत सभी में मगर, प्यार में जिंदगी को लुटा देखिए। प्यार के नाम पर वासना […]

सुशांतसिंह यह नाम हर जुंबा पर है। शायद जो लोग उस प्रतिभा सम्पन्न लड़के को पहले नहीं जानते थे। वे भी आत्महत्या के बाद उसे जानने लगे। उसके काम की तारीफ करने लगे और आत्महत्या को घिनौना काम बताते हुए दार्शनिक अंदाज में आत्महत्या को कायराना हरकत बता कर अपने […]

उस दिन मुझसे बेटी ने कहा-पापा घर में आप अंडरवियर और बनियान में इधर-उधर न घूमा करें क्यों कि मोबाइल पर अब स्कूल घर पर आ गया है। कल मोबाइल पर मिस मुझे पढ़ा रही थी तब आप अंडरवियर और बनियान में मेरे पीछे घूम रहे थे। यह दृश्य देखकर […]

विश्व बाल मजूरी विरोध दिवस पर आयोजित हिंदी ऑन लाइन कवि सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले 106 कवि ओ को सम्मानित किया गया महात्मा गांधी साहित्य सेवा मंच गांधी नगर गुजरात मे विश्व बाल मजूरी विरोध दिवस पर ऑन लाइन हिंदी कवि सम्मेलन दिनाँक 12 जून 2020 को दोपहर मे […]

ओ यारा ओ यारा क्यूँ क्यूँ क्यूँ ये सितम इतना तड़पाये मुझे हर घड़ी ढाये सितम ओ यारा•••••••••••••••• देख के तेरे यौवन जले मेरा तन बदन हसरते हिलोर मारे कब आये तुझे रहम कैसे कहूँ मैं तुझसे तेरे बिना आये न चैन ओ यारा ———— दूर न रह पायेंगे हम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।