कितने वर्षों से परंपराओं का, अनुसरण करते आ रहे है। और पूर्वजो की बनाई, रीतियों को निभाते आ रहे है। परन्तु वक्त ने कुछ, ऐसा खेल खेला की। अब हमारे घर ही मंदिर बन गए है। और धर्म साधना व ध्यान के केंद्र बन गए।। भावनाएं मन से अच्छी भाएंगे […]

विद्या जिसके पास है वही तो सबसे खास है विद्या से बड़ा धन नही विद्या किसी से कम नही तमस को विद्या हरती है विद्या उजाला करती है जीवन मे राह दिखाती सरस्वती पास आ जाती मुख में मिठास घुलती है विद्या रिश्ते बुनती है आओ विद्या ग्रहण करे ज्ञान […]

सपनों को सच होने दो , जीवन को मत रोने दो , जीवन है बहुमूल्य हीरा , जीवन को जग से जीने दो , सपनों को सच होने दो तुम ! रह ना जाए कोई बेकार , जीवन को मत भूलने दो , जीवन है फूलों का हार , जीवन […]

विषय भारत में हिंदी भाषा की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावना।। हम हिंदी है,हिंदी हमारी शान, भारत मां और हिंदी मां दोनों है, एक समान।हम सब गाएं एक ही गान” हिंदी में बसा है सारा हिंदुस्तान।। हिंदी भाषा का इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना है ।हिंदी भाषा विश्व की […]

दिए जो गम तूने,उनको अब भुलाना पड़ेगा। नहीं तो मौत को गले भी अब लगाना पड़ेगा। कर कर तेरा इंतजार,आंखो को सुला न सकी अब इन नींद भरी आंखो को सुलाना पड़ेगा। बसी जो यादे मेरे दिल में हमेशा तड़फती है। कभी तो इन यादों को दिल से भुलाना पड़ेगा […]

हमने अपने-पराये देखे ख्वाब बड़े-बड़े सुहाने देखे गम का सागर देखा खुशियों का पिटारा देखा धूप-छाँव का खेल निराला देखा अपनों का अपनों पर सितम भी देखा हमने अपने-पराये देखे ख्वाब बड़े-बड़े सुहाने देखे चाहने वालों को भी नफरत करते देखा हमने जमाने को पल-पल रंग बदलते देखा निराशाओं में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।