नई उम्मीद है मेरी नया है आसमा मेरा सपनो का मेरे है रंग बहुत गहरा चला जिस राह पर भी मैं नई मंजिल बनाता हूँ यहां हर चीज मेरी है ये प्यारा वतन मेरा नई एक राह भी देखूँ करूँ इस्तकबाल मैं उसका कठिन हो राह उसकी तो पकड़ लूं […]

मन में अटूट  विश्वास लिए कहनी तुमसे एक बात  प्रिये l तुम पूरण कर देना इसको मन की यह  अंतिम आस  प्रिये l जब तलक साथ हम दोनों प्रिये तुम मेरे हो मैं तुम्हरी हूं l पर आज तुम्हारे सम्मुख मै कल की  तस्वीर दिखाऊं प्रिये l तुम पूरण कर […]

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जब-जब राजनीती अपने खोखले अभिमान और दम्भ के कारण राष्ट्र में जातिगत भेद कर करके राष्ट्र का विखंडन करने की सोचेगी, तब-तब राष्ट्र की नस्ले प्रभावित भी होगी और राष्ट्र विखंडन के नित नवीन रास्ते खोज निकलेगी। आज़ादी के बाद जब देश के संविधान के निर्माण के दौरान आरक्षण व्यवस्था […]

उसका वहशीपन देखकर मैं काँप गया हूँ वो बच्चियों का क्या हश्र कर गया होगा रेगिस्तान के सीने में कैद कितनी जुल्में है यहाँ पहुँचते-पहुँचते दरिया मर गया होगा आईने की धूल बहुत दफ़े साफ की उसने आज अपना बेशक्ल चेहरा देखके डर गया होगा जो गया वो शर्तिया ही […]

घर से निकलते ही काना दिख जाए तो उसे बड़ा अशुभ मानते थेे।लोग रास्ता बदल देते थे या यात्रा रद्द कर देते थे। उन दिनों गाँवों में ऐसे टोटकों का रिवाज था।(टीवी चैनल तो इसे और पुख्ता करने में जुटे हैं) पढे़ लिखे लोग भी झांसे में आ जाते थे। […]

जीवन मे हर पल छला-छला सा लगता है। आईने में अपना चेहरा धुन्दला सा लगता है।। बारिश से बचने के लिए सहारा लिया था छत का। ध्यान दिया तो वो भी खुला खुला सा दिखता है।। अत्यधिक उम्मीदों को बनते बिगड़ते देखा है। कुछ छलावों से खुद को दिन में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।