जनहितों से खिलवाड़ किया शराब की दुकानें खुलवाकर लॉक डाउन पर वार किया बाढ़ ही जब खेत खिलाने लगे तब समझो बुरे दिन आने लगे झूठी उपलब्धियों पर खुद की पीठ कब तक थपथपाओगे हकीकत में कुछ करके दिखलाओ तभी जनता से आंख मिला पाओगे बंद करा दो शराब की […]
राष्ट्रभाषा जीवंत, स्वायत्त, मानक, उन्नत और समृद्ध होती है और वह समूचे राष्ट्र अथवा देश में सार्वजनिक संप्रेषण-व्यवस्था और कार्य-व्यापार में प्रयुक्त होती है। यदि राष्ट्र बहुभाषी हो तो उसमें अंतर-प्रांतीय मध्यवर्तिनी भाषा के रूप में विभिन्न भाषाभाषी समुदायों के बीच बृहत्तर स्तर पर वह संपर्क भाषा की भूमिका निभाती […]
