मातृभाषा को अपनाना भी स्वदेशी का संकल्प है उज्जैन। हमारी बोलियां संरक्षित नहीं रहेगी तो संस्कृति का पतन होगा। बोलियां ही संस्कृति को संरक्षित करती है। लोक बोली और मातृभाषा के लिए जो लोग कार्य कर रहे है उनको प्रोत्साहन मिलना चाहिए, शासन और समाज दोनों को सहयोग करना चाहिए। […]
