बादल बदरा हरजाई बादल, सुन के होता तनमन घायल। कहीं ये मेघ गरज कर भागे, कहीं बाजे वर्षा ऋतु पायल। इस  माया  का  पार न पाऊँ, क्यों बादल बिरुदावलि गाऊँ। मैं  मेघों  का  भाट नहीं  जो, ठकुर सुहाती  बात  सुनाऊँ। अदावत  नहीं  रखी मेघों से, बे मतलब  क्यों बुरे  बताऊँ। […]

कसक बीते हुए लम्हों की यादें उस गुलिस्तां की… एक वक्त था जब घर के अहाते के अंदर बागीचे में तरह तरह के पेड़ पौधे हुआ करते थे। अलग अलग किस्म के पेड़ पौधों के लिए अलग अलग क्यारी बनी थी। 1950 में बाबूजी ने रक्सौल स्थित अपने निवास ‘शांति […]

कविता रोती शब्दों से ,कवि गीत बनाता जाता है कुछ भूले बिसरे लम्हों के संगीत बनाता जाता है   पनघट पर जब घट फूटे तो ,कविता निकल के आती है कोई भँवरा मधु लूटे तो ,कविता निकल के आती है शोभा तब है नारी की ,जब लाज ही उसका गहना […]

स्वतंत्रता की चलाई आंधी, नाम था उसका मोहन गाँधी, अंगेज गूस गए देश के अंदर चेतन् हो गया था पोर बंदर Bapu जनता  की उसने  बनाई कुमक दांडी से उसने उठाया नमक  कस्तूरबा से करवाया श्रम अहमदाबाद में बनाया आश्रम बचपन में चबाये चने इंग्लेंड जाकर बेरी स्टार बने स्वतंत्रता […]

जीवन एक सफर है भाई इसको जीने मे करो चतुराई व्यर्थ समय न कभी गंवाओ पल पल इसका सफल बनाओ कुकर्म कभी होने न पावे सद्कर्म सदा होते जावे दिल किसी का कभी न तोड़ो सबसे प्यार भरे शब्द बोलो तुम्हे देख सब अपना माने ऐसी छाप जगत मे छोडो […]

आज अपने ही सुजन कितने दलों में बँट गये, कुछ सहज गद्दार लोगों से ही नाहक पट गये! ००० जिनका परिचय वास्तव में गोष्ठियों से ही बढ़ा, मंच क्या उनको मिला वह गोष्ठियों से हट गये! ००० साथ देने का वचन जो नित हमें देते रहे, आज वह अपने ही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।